सोशल मीडिया पर टिपण्णी को लेकर मुज़फ्फरनगर की कोतवाली पुलिस ने ज़ाकिर अली नाम के एक शख्स को कल रात गिरफ्तार किया है।
हालाँकि अब नेताओं पर टिपण्णी या आलोचना करना जुर्म तो माना जाने ही लगा है जिसके आरोप में आए दिन पुलिस तमाम लोगों की धरपकड़ करती रहती है। लेकिन जाकिर अली त्यागी का मामला थोड़ा अलग है।
आरोपी के करीबी नवेद चौधरी ने सियासत को बताया, ‘ज़ाकिर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर कमेन्ट किया था कि अगर गंगा नदी ‘जीवित मानव’ हैं तो क्या उनमे किसी व्यक्ति के डूबने की स्थिति में गंगा पर हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा?’
दरअसल ज़ाकिर का इशारा हाल ही में आए उत्तराखंड हाई कोर्ट एक फैसले की ओर था जिसमे देश की दो पवित्र नदियों गंगा ओैर यमुना को ‘जीवित’ का दर्जा देने का आदेश दिया गया।
वहीँ रिश्ते में ज़ाकिर के चचरे भाई और पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने बताया कि पुलिस ने पिछले करीब तीन महीनों से जाकिर की फेसबुक वॉल पर नज़र रखी हुई थी। इस आधार पर पुलिस ने एक पूरी फाइल तैयार की है जिसमे जाकिर द्वारा सीएम योगी पर की गई करीब 20 पोस्ट को भी संज्ञान लिया गया है।
वसीम ने बताया कि इसके अलावा ज़ाकिर ने अपनी फेसबुक डीपी गए साल दादरी में बदमाशों पर दबिश डालने के दौरान शहीद हुए दरोगा अख्तर अली की फ़ोटो लगा रखी है। इसलिए पुलिस ने इस पर एतराज़ जताते हुए ज़ाकिर पर 420 का भी मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले में सियासत ने मुज़फ्फरनगर कोतवाल से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
- नवेद अख्तर