रात की तारीकी में दुआ करो, वह कुबूलियत का खास वक्त है

हजरत अबू हुरैरा (रजि०) फरमाते हैं कि जिस को पांच चीजे मिल गई वह दूसरी पांच चीजों से महरूम नहीं रहेगा। जिसको शुक्र की तौफीक मिली वह नेमतो की ज्यादती से हरगिज महरूम न रहेगा-‘‘अगर शुक्र करोगे तो और ज्याद दूंगा।’’ जिसको सब्र की तौफीक मि

दुनिया में गुनाहों के नुक्सानात

गुनाहगार, नबी करीम (स०अ०व०) की लानत का मुस्तहक बन जाता है। नबी करीम (स०अ०व० ) ने बाज गुनाह करने वालों पर हदीस पाक में लानत फरमाई है। मसलन जो औरत गैर औरत के बालों को अपने बालों में मिलाकर बंटा करे, इस तरह का फैशन करे कि शोपीस बन जाए तो नबी

88 लाख खानदान झोपड़ियों में

मुल्क के 88 लाख खानदान शहरों की झुग्गियों / झोपड़ियो में रहते हैं। यह जानकारी मंगल के रोज़ जारी सरकारी आंकडों से मिली। National Sample Survey Office (एनएसएसओ) की तरफ से जारी आंकडों के मुताबिक मुल्क के शहरों की झुग्गियों में रहने वाले 38 फीसदी खानदान महार

24 दिसंबर? तारीखी दिन

24 दिसंबर 1979 को आज ही के दिन रूस (सोवियत संघ)ने अफगानिस्तान पर हमला किया था यह हमला 1978 के रूस अफगान दोस्ती मुआहिदा के बहाने किया गया था |

अल्लाह तआला की रहमत तमाम मखलूकात के लिए आम है

अल्लाह तआला की दो अहम सिफतें रहमान और रहीम हैं। हर अच्छे काम की इब्तिदा करते वक्त बन्दे को ज़ुबान से अदा करने के लिए अल्लाह और इसके रसूल (स०अ०व०) की तरफ से हिदायत की गई है। इस से बेशुमार फायदे हासिल होते हैं। यह दो सिफते बिस्मिल्लाह ह

भलाई की तलकीन करना और बुराई से रोकना

फकीह अबुल लैस समरकंदी (रह०) अपनी सनद के साथ हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज (रह०) का यह कौल नकल करते हैं कि अल्लाह तआला बाज लोगों के आमाल की वजह से तमाम लोगों को अजाब नहीं देते अलबत्ता जब गुनाह खुलेआम किए जाएं और रोकने वाला कोई न हो तो तमाम कौ

दीन के गलबे की बशारतें

अल्लाह तआला ने रसूलों को मबऊस करने की एक बड़ी वजह यह बताई है कि वह लोगों को बशारत व खुशखबरी देने वाले और बुरे अंजाम से डराने वाले होते थे।

‘‘यह सारे रसूल खुशखबरी देने वाले और डराने वाले बनाकर भेजे गए।’’ (निसा-165)

इक्तेदार के लिए ईमान तक छोड़ने को तैयार मोदी

भारतीय जनता पार्टी की जानिब से अगले वजीर-ए-आजम की हैसियत से पेश किये किए गए गुजरात के वजीर-ए-आला नरेन्द्र मोदी इक्तेदार पाने के लिए इतने उतावले हैं कि उन्हें मुसलसल झूट बोलने, लफ्फाजी करने, आवाम को गुमराह करने, कश्मीर को खुसूसी दर्ज

खुदा के खौफ की अहमियत

इस दुनिया को तखलीक देने वाला वही है जो हम सबका रब है। हर चीज उसके हुक्म के ताबे है। सूरज का निकलना और डूबना, बारिश का बरसना, जमीन से पैदावार होना यह सब अल्लाह के हुक्म से है। जिंदगी और मौत का मालिक वही है। उसकी कुदरत के अजीब नमूने हैं।

मोदी को लड़की भाई, शक हुआ तो पुलिस लगाई

गुजरात के वजीर-ए-आला नरेन्द्र मोदी एक आशिक मिजाज इंसान निकले, बीजेपी के कई दूसरे चीफ मिनिस्टरों की तरह वह भी सरकारी खर्चे पर ही इश्क करते हैं। एक खूबसूरत आर्कीटेक्ट लड़की पर नरेन्द्र मोदी इतने फिदा हो गए कि उन्होंने उसके भाइयों की

दंगाइयों की हौसला अफजाई

मुजफ्फरनगर में दंगा भड़काने के दो मुल्जिमान संगीत सोम और सुरेश राणा की आगरा में नरेन्द्र मोदी की रैली के डायस पर बीजेपी की जानिब से पगड़ी पहना कर उनकी इज्जत अफजाई की गई। यह दोनों उत्तर प्रदेश असम्बली के मेम्बर हैं और जमानत पर जेल

तीन किस्म के आमालनामे

‘‘हजरत आयशा (रजि०) का बयान है कि अल्लाह के रसूल (स०अ०व०) ने इरशाद फरमाया- आमालनामे तीन किस्म के होंगे। एक वह आमाल नामा होगा जिसको अल्लाह हरगिज माफ नहीं करेगा। यह अल्लाह के साथ शिर्क है। अल्लाह तआला का फरमान है- बेशक अल्लाह शिर्क को हर

मोहर्रम और यौम-ए-आशूरा की फजीलत

मोहर्रम का महीना निहायत अजमत और तकद्दुस का हामिल है। इस महीने में अल्लाह तआला की तजल्लियात रहमत और खुसूसी इनायतों का नुजूल होता है। यही वजह है कि पिछली उम्मतों में भी इस महीने और खासकर यौमे आशूरा को इज्जत व वकार की नजरों से देखा जा

झूट और लफ्फाजी के सहारे वज़ीर ए आज़म बनेंगे नरेन्द्र मोदी

बीजेपी के प्रोजेक्टेड वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी को न तो मुल्क की तारीख मालूम है न जुगराफिया (भूगोल) उनकी जनरल नालेज भी ऐसी है कि उसके सहारे आठवी क्लास का इम्तेहान भी न पास कर सके वह सिर्फ लफ्फाजी करने और झूट बोलने में माहिर हैं। इन दो

अरशद मदनी का खतरनाक खेल

गुजरात के कई गांवो के बाहर बाकायदा एक बोर्ड लगा दिखता है जिस पर लिखा होता है ‘‘हिन्दू राष्ट्र का …आदर्श गांव’’। उन गांवो के बाहर यह बोर्ड इसलिए लगे हैं कि इन गांवो में मुसलमानों की आबादी बहुत कम थी। 2002 के मुस्लिमकश फसाद के दौरान उनम

‘नरेन्द्र’ को महमूद मोदी की हिमायत !

गुजराती मुसलमानों की नस्लकुशी के बाद 2002 के दिसम्बर में गुजरात असेम्बली इलेक्शन के दौरान नरेन्द्र मोदी ने ‘‘शहजादा गौस-ए-आजम बाबा साहब कासिम’’ नामी के एक जालसाज को खरीद कर उसकी जानिब से गुजराती अखबारात में एक इश्तेहार छपवाया था।

क्या मुसलमानों को मोदी से डर लगता है ?

गुजरात दंगों को लेकर बैनुल अकवामी सतह पर बहस में आए नरेंद्र मोदी की वज़ीर ए आज़म के ओहदे की दावेदारी के बाद मुसलमानो के दिल में घबराहट है। किसी का मानना है कि वज़ीर ए आज़म बनने के साथ मोदी अपनी पुरानी शबिह(Image) से पीछा छुड़ाना चाहेंगे तो

ऐ खुदा के बंदो! दिल की पूरी खुशी से कुर्बानियां दिया करो

हजरत आयशा सिद्दीका (रजि०) से रिवायत है कि नबी करीम (स०अ०व०) ने इरशाद फरमाया कि जिल हिज्जा की दसवीं तारीख यानी ईद उल अजहा के दिन आदम के बेटे का कोई अमल अल्लाह को कुर्बानी से ज्यादा महबूब नहीं और कुर्बानी का जानवर कयामत के दिन अपने सींग

क़ुर्बानी … हज़रत सय्यदना इब्राहीम अलैहिस सलाम की याद

हर मज़हब और क़ौम में तहवार और जश्न मनाने के लिए कुछ खस दिन होते हैं। इस्लाम के अलावा दुसरे मज़ाहिब-ओ-अक़्वाम में एसे तहवारों की तादाद बहुत ज़्यादा है, मगर मज़हब इस्लाम में ख़ुशी मनाने के लिए ईद के नाम से सिर्फ़ दो दिन मुक़र्रर किए गए हैं।

हज गुनाहों से पाकी का सबब

हज की फर्जियत:- हजरत इब्ने उमर (रजि0) से रिवायत है कि एक शख्स नबी करीम (स०अ०व०) की खिदमत में हाजिर हुआ और दरयाफ्त किया कि या नबी करीम (स०अ०व०)! कौन सी चीज हज को वाजिब करती है?