हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं एक कहता है इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे दूसरा कहता है बखील के माल को तलफ करदे (बुखारी व मुस्लि

माल की कमी , बड़ी नेअमत है

हज़रत महमूद बिन लबीद रज़ी० से रिवायत है कि रसूल ( स०अ०व०) ने फ़रमाया दो चीज़ें ऐसी हैं जिनको इब्न-ए-आदम (इंसान) नापसंद करता है (अगरचे हक़ीक़त के ऐतबार से वो दोनों चीज़ें बहुत अच्छी हैं) चुनांचे इंसान एक तो मौत को नापसंद करता है, हालाँकि मोम

अल्लाह और रसूल ( स०अ०व०) पर ईमान लाओ

ईमान लाओ अल्लाह और इसके रसूल ( स०अ०व०) पर और ख़र्च करो (उसकी राह में) इन मालों में से, जिनमें इसने तुम्हें अपना नायब बनाया है। पस जो लोग ईमान लाए तुम में से और (राहे ख़ुदा में) ख़र्च करते रहे उनके लिए बहुत बड़ा अज्र है। (सूरत अलहदीद।७)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला का इरशाद है ऐ मेरे बन्दे खर्च कर तुझ को दिया जायेगा (बुखारी व् मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से पूछा गया बेहतर और अफज़ल इस्लाम कौनसा है इरशाद फरमाया मसाकीन को खान खिलाना जाने अनजाने हर मुसलमान को सलाम करना (बुखारी मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत उस्मान बिन अफ्फान रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिसने पूरा पूरा वजू किया और फ़र्ज़ नमाज़ पढने को घर से निकला और मस्जिद में जा कर इमाम के साथ नमाज़ पढ़ी तो उसके तमाम गुनाह माफ़ होगए (इब्न खजीम

हज़रत सैयदना उमर फ़ारूक़ ( रज़ी० ) के दौर में गुलामी के खातमे की कोशिश

मूसा बिन अनस बिन मालिक का बयान है कि मुहम्मद बिन सेरान के वालिद सेरान ने सैयदना अनस रज़ी० से मुकातबत का मुआमला करना चाहा। इनके पास बहुत सा माल था, लेकिन हज़रत अनस रज़ी० ने इनकार फ़रमा दिया। सेराना सैय्यदना उमर फ़ारूक़ रज़ी० की ख़िदमत में

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया एक रोटी के निवाले की वजह से तीन आदमी जन्नत में दाखिल किये जाएंगे एक हुक्म देने वाला दूसरा खाना पकाने वाला और तीसरा वो खादिम जिसने ये रोटी का टुकड़ा म

अल्लाह तआला को कौन सा बंदा पसंद है

हज़रत साद रज़ी० से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया यक़ीनन अल्लाह तआला उस बंदे को बहुत पसंद करता है, जो मुत्तक़ी-ओ-ग़नी और गोशा नशीन हो। (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने हजरत बिलाल रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से इरशाद फरमाया के खर्च करने से डरो नहीं, अर्श के मालिक से कमी का खौफ न करो (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से पूछा गया बेहतर और अफज़ल इस्लाम कौनसा है इरशाद फरमाया मसाकीन को खान खिलाना जाने अनजाने हर मुसलमान को सलाम करना (बुखारी मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू ज़र रज़ी अल्लाहो तआला अनहो ने दरयाफ्त किया सब से अफज़ल सदका क्या है? रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया छुपा कर देना. (मसनद अहमद)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जो शख्स इस तरह छुपा कर सदका देता है की सीधे हाथ की बाएँ हाथ को खबर नहीं हों तो ये शख्स कयामत में अर्शे इलाही के साए में होगा (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सदका करने से माल कम नहीं होता खता माफ़ करने वालों की इज्ज़त बढ़ाई जाती है इन्केसारी करने वालों का मर्तबा बढ़ा दिया जता है (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हज़रत अबदुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है कि रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया थोड़ा सा इलम सीख लेना बहुत सी इबादत से बेहतर है । (बेहक़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सुबह शाम मस्जिद की तरफ नमाज़ के लिए जाना ऐसा है जैसे जिहाद के लिए जाना (तिबरानी)

क्यामत बरहक़ है

जब क्यामत बरपा हो जाएगी। नहीं होगा जब ये बरपा होगी (इसे) कोई झुठलाने वाला। किसी को पस्त करने वाली किसी को बुलंद करने वाली। जब ज़मीन थर थर काँपेगी। (सूरा अल वाक्या ।१ता४)

क़यामत‌ की निशानी

हज़रत अबूहुरैरा रज़ी० से रिवायत है कि रसूल स०अ०व० ने फ़रमाया क़यामत‌ उस वक़्त तक नहीं आएगी, जब तक माल-ओ-दौलत की फिरावानी नहीं हो जाएगी और फिरावानी भी इस तरह की हो जाएगी कि एक शख़्स अपने माल की ज़कात निकालेगा, लेकिन वो कोई ऐसा शख़्स नहीं पाए

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सुबह व् शाम मसाजिद की तरफ जाने वालों के लिए अल्लाह तआला सुबह शाम मेहमानी का सामान तय्यार करता है (बुखारी व मुस्लिम)