तकसीम-ए-रिजक
खातून-ए- जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है। (बेहकी) –
खातून-ए- जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है। (बेहकी) –
हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, किसी गरीब मुसलमान को कपडा पहनाने वाले उस वक़्त तक अल्लाह के परदे में है जब तक गरीब के बदन पर उस कपडे का एक तार भी मौजूद है। (हाकिम)
हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,अल्लाह तआला फ़रमाता है,जब मैंने किसी बन्दे की आँखें लेली तो उनका बदला जन्नत के सिवा कुछ नहीं। (तिर्मिज़ी)
हजरत सलमान फ़ारसी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,कोई चीज़ क़ज़ा को रद नहीं करती,लेकिन दुआ! और किसी चीज़ से उम्र में अज़ाफा नहीं होता, लेकिन नेक आमाल और परहेज़गारी. (तिर्मिज़ी)
हजरत अबुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,
ज़ियदाह जल्द मक़बूल होने वाली दुआ वो है, जो एक गायब दूसरे गायब के लिए करता है। (अबू दाऊद )
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,
इंसान अपने दोस्तों की तक़लीद करता है, तो तुम देख लिया करो के किसको दोस्त बना रहे हो । (अबू दाऊद )
हज़रत अबदुल्लाह बिन उमर रज़ी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अल्लाह तआला से उनका फ़ज़्ल तलब करो। (तिरमिजी)
उम्मुल मुमेनीन हजरत आयशा सिद्दीका रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, रिश्तादारों पड़ोसियों और दूसरों से अच्छा सुलूक करने की वजह से बस्तियां आबाद होती हैं, उम्र में तरक्की और बरकत होती है । (अहमद)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है, सिवाए उस के जिसकी क
हजरत अबू क़तादह रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जिस शख्स ने मुफ्लिस मकरूज़ को मुहलत दी या माफ़ करदिया, उसको अल्लाह तआला कयामत की सख्तियों और घबराहट से महफूज़ कर देगा। (मुस्लिम)
हजरत अबू उमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, एक बन्द-ए- मोमिन
के लिए तक़वा के बाद नेक बीवी से बेहतर कोई शै(चीज) नहीं। (इब्ने माजा)
हज़रत अबू ज़र रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जब तुम शोरबा बनाओ तो उसका पानी ज़ियादा कारो, और अपने पड़ोसियों का खियाल करो। (मुस्लिम)
हजरत जैद बिन तलहा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जो शख्स अपने गुस्सा को जब्त करे, क़यामत के दिन अल्लाह तआला उसे इख्तियार देगा,के जिस हूर का चाहे इन्तेखाब करे। (तिरमिजी शरीफ )
हजरत मआज़ बिन जबल रज़ी अल्लाहु तआला अनहु ने सफर पर जाते हुए अरज़ किया, या रसूलल्लाह (स०) मुझे कुछ नसीहत फरमाएं! फरमाया, हमेशा नेक अख्लाक़ का पाबन्द रहना। (इब्ने हिबान)
हजरत अब्दुल्लाह बिन क़ैस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) कि खिदमत में हाज़िर होकर एक शख्स ने जिहाद कि इजाज़त तलब कि, फ़रमाया ” तेरे माँ बाप ज़िंदा हैं ?” उसने अर्ज़ कि हाँ !
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जो शख्स अपने माल की हिफाज़त करते हुए कत्ल किया जाए, वो शहीद है। (बुखारी शरीफ)
हज़रत अबु ज़र गफ्फारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, तेरा अपने भाई के सामने मुस्कुरा देना सदक़ा है,भलाई का हुक्म देना सदक़ा है, और बुराई से रोक देना सदक़ा है, किसी राह भटके को राह देखाना तेरे लिए सदक़ा है। (
हजरत मआज बिन अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स कुदरत रखने के बा वजूद गुस्सा पी गया, तो कयामत में अल्लाह उसे इख्तियार देगा के वो जिस हूर को चाहे पसंद करले। (अबू दाऊद)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हसद से परहेज़ करो क्यों कि हसद नेकियों को इस तरह खा जाता है जैसे आग लकड़ी या घास को खा जाती है। (अबू दाऊद)
रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,फातिमा रज़ी अल्लाहु तआला अनहुमा जन्नती ख़वातीन की सरदार हैं। (बुखारी शरीफ )