सफर की मौत शहादत है

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, सफर में मरना शहादत है। (इब्ने माजा)

तकसीम-ए-रिजक

खातून-ए- जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है। (बेहकी)

वालदैन कि खिदमत में जिहाद का सवाब

हजरत अब्दुल्लाह बिन क़ैस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) कि खिदमत में हाज़िर होकर एक शख्स ने जिहाद कि इजाज़त तलब कि, फ़रमाया ” तेरे माँ बाप ज़िंदा हैं ?” उसने अर्ज़ कि हाँ !

सब्र आधा ईमान है

हजरत अलकमा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, सब्र करना आधा ईमान है और यकीन पूरा ईमान है। (तिबरानी)

खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो

हजरत अस्मा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो , वर्ना अल्लाह भी तुम्हें गिन गिन के देगा, और बंद करके न रख्खो वर्ना वो भी तुम पर अपनी रहमत के दरवाज़े तुम पर बंद करदेगा। (बुखा

खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो

हजरत अस्मा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो , वर्ना अल्लाह भी तुम्हें गिन गिन के देगा, और बंद करके न रख्खो वर्ना वो भी तुम पर अपनी रहमत के दरवाज़े तुम पर बंद करदेगा। (बुखा

मुलाजमीन के साथ हुस्ने सुलूक

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०)से एक शख्स ने दरयाफ्त किया,
में अपने मुलाजिम की ख़ताओं को कहाँ तक माफ़ करूं?। आप स०)ने फ़रमाया “हर दिन में सत्तर बार”। (अबू दाऊद)

मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की फज़ीलत

हजरत उस्मान बिन अफ्फान रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया जिसने पूरा पूरा वजू किया, और फ़र्ज़ नमाज़ पढने को घर से निकला, और मस्जिद में जा कर इमाम के साथ नमाज़ पढ़ी, तो उसके तमाम गुनाह माफ़ होगए। (इब्न खजीमा)

दरूद शरीफ की फजीलत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स मुझ पर एक मरतबा दरूद पढ़े, अल्लाह तआला उसपर दस मरतबा रहमत भेजता है। (अबू दाऊद )

ज़ुबान और शर्मगाह की हिफाज़त

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जिस बंदा को अल्लाह तआला ने ज़ुबान और शर्मगाह के गुनाह से महफूज़ कर लिया वो जन्नत में जाए गा। (बुखारी व मुस्लिम)

तिजारत करके कमाना

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)से किसी ने पुछा कौनसी कमाई अफज़ल है? फरमाया अपने हाथ से काम करना, या तिजारत करके कमाना। (तिबरानी)

नेकी नियत होने का फाइदा

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, अगर किसी ने नेकी कि नियत कि, लेकिन नेकी उस से हुई नहीं,तब भी एक नेकी लिख दी गयी। (बुखारी व मुस्लिम)

तनहा सफ़र करना

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के,रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तनहा सफ़र करने में जो खराबियां मुझे मालूम हैं अगर लोगों को मालूम होजाए तो कभी कोई शख्स तनहा सफ़र न करें। (बुखारी शरीफ)

सदका वापस लेने की मुजम्मत

हज़रत उमर बिन खत्ताब रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अपना सदक़ा वापस लेने वाला उस कुत्ते कि तरह है, जो क़ै करके चाट ले। (मुस्लिम)

ज़म ज़म का पानी

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, रूए ज़मीन के तमाम पानियों से बेहतर ज़म ज़म का पानी है, इस पानी में भूके की गज़ा और बीमार की शिफा है। (इब्न हिबान)

तकसीम-ए-रिज्क

खातून-ए-जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है। (बेहकी)

मुनाफ़िक़ की तीन अलामतें….

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,मुनाफ़िक़ की तीन अलामतें हैं, जब बात करे तो झूट बोले,जब वादा करे तो खिलाफ करे, और जब उसके पास अमानत रख्खी जाए तो खयानत करे। (बुखारी शरीफ)

गु़स्से पर कंट्रोल करने का फाइदा

हजरत मआज बिन अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स कुदरत रखने के बा वजूद गुस्सा पी गया, तो कयामत में अल्लाह उसे इख्तियार देगा के वो जिस हूर को चाहे पसंद करले। (अबू दाऊद)

बेहतरीन शख्स वो है……?

हजरत अबू सईद खुदरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, बेहतरीन शख्स वो है, जो अल्लाह से डरता है, और लोगों को अपने शर से महफूज़ रखता है। (बुखारी व मुस्लिम)

आपसी दुशमनी का नतीजा

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है, सिवाए उस के जिसकी क