बगैर मौत कोई नहीं मरता

हज़रत सय्यदना सिद्दीक़ अकबर (रज़ी.) के ख़िलाफ़त के जमाने में हज़रत ख़ालिद बिन वलीद (रज़ी.) की कमांडरी में मुस‌लमानों का लश्कर कइ मुल्कों में कामयाबी हासिल कर‌ रहा था और अल्लाह ताला की फ़तह ओर मदद‌ के झंडे लहरा रहा था। इसी सिलसिले में शहर हीर

चेहरे पर निखार और ख़ूबसूरती

लड़कीयों की शादी खराब‌ चेहरा या कम रंग कि वजह से नहीं होपाती है, हालाँकि हर चीज़ अल्लाह की दि हुई है, इस पर शुक्रिया अदा करना हर इंसान पर जरुरी है। खालि ख़ूबसूरती के लिए लड़कीयों का दिल हरगिज़ ना दुखाया जाये। ख़ूबसूरती के लिए कुछ अमलीय

बुराईयों की जड़ जहालत

हैदराबाद । बुराईयों की जड़ जहालत है शिर्क , माद्दापरस्ती , शेतान‌ की बंदगी और ग़लत सौच विचार‌ जाहिलियत की बुनियाद हैं । आज चीन कि तरक़्क़ी से अमेरीका परेशान है लेकिन चीन में भी हर एक लाख में 22 लोगाअत्म हत्या कर रहे हैं इस की वजह सिर्फ य

मजलिस माहाना फ़ातिहा

हैदराबाद । पहाड़ी शरीफ दरगाह हज़रत सय्यदना बाबा शरफ़ उद्दीन सह‌रवर्दी इराक़ी की मजलिस माहाना फ़ातिहा 7 जून को तय‌ है ।

अंजुमन फैज़न पंजतन का जश्न जुहूर मौला ए कायनात का इनइक़ाद

हैदराबाद । सय्यद बाक़िर हुसैन नवाब के मुताबिक़ 13 रजब को आशूर ख़ाना जैनबीया मुनाक़िद हुआ । क़सीदा ख़वानी हुस्न आग़ा अली आग़ा सय्यद मुर्तज़ा हुसैन रिज़वी सय्यद हसन अब्बास हाशिम आबिदी और जनाब जाफ़र अली सदर ने की

ए. पी.महकमा शरियत‌ का तरबियती प्रोग्राम‌

हैदराबाद । जमियत उलमा हिंद आंधरा प्रदेश के सदर हाफ़िज़ पिर शब्बीर अहमद एमएलसी ने एक अखबारी बयान में कहा कि 9 और 10 जून को आंधरा प्रदेश के महकमा शरियत‌ का दूसरा दो रोज़ा तरबियती केम्प मद्रेसा इस्लामीया सिराज उल उलूम हशमत पेट सिकंदराब

वाक़िया मेराज उन्नबी(सल.) सारी इंसानियत के लिए फ़ख़र के काबिल‌ मोजिज़ा : इक़बाल अहमद रिज़वी

हैदराबाद । वाक़िया मेराज उन्नबी(सल.) क़यामत कि सुबह तक के लिए सारी इंसानो के लिए फ़ख़र के काबिल मोजिज़ा है और जमीन व आसमान‌ की मेराज बहुत बडी करामत है जिस के ज़रीये सारी इंसानियत केलिए इस्लाही इन्क़िलाब बरपा किया जा सकता है।

मजलिस तहफ़्फ़ुज़ ख़त्म‌ नबुव्वत का इजतेमा

हैदराबाद । मौलाना ख़्वाजा नज़ीर उद्दीन सबीली के मुताबिक‌ 5 जून मंगलवार को मग़रिब कि नमाज के बाद‌ मस्जिद अकबरी , अकबर बाग़ में मजलिस तहफ़्फ़ुज़ ख़त्म‌ नबुव्वत ट्रस्ट आंधरा प्रदेश का साप्ताहिक‌ इजतिमा होगा ।

चटगोपा में हज़रत सय्यद सालार मख़दूम हुसैनी का उर्स शरीफ़

चटगोपा।सय्यद शाह बाक़िर बहरी की खबर‌ के मुताबिक‌ दरगाह हज़रत सय्यद सालार मख़दूम हुसैनी इंतिज़ामी कमेटी के सदर नशीन जनाब सय्यद महबूब अली बिरादर मुतवल्ली ने अपने सहाफ़ती ब्यान में बताया कि हज़रत सय्यद सालार मख़दूम हुसैनी का उर्स शरी

महबूबनगर में जलसा हज़रत अली मुर्तज़ा कि पैदाइश का जश्न‌

महबूबनगर। मुहम्मद अबदुस्समद शरफ़ी की खबर‌ के बमूजब अंजुमन फ़ैज़ान शरफ़ीया ज़िला महबूबनगर के एहतिमाम में जलसा जशन-ए-विलादत हज़रत सय्यदना अली मुर्तज़ा (रज़ी.) 13 रजब 4 जून सोमवार‌ बाद नमाज़ इशा बमुक़ाम दरगाह शरीफ़ हज़रत सय्यद शाह बुर्हानी म

महकमा शरईयत‌ जमईत उल्मा आंधरा प्रदेश का तर्बीयती इजलास

हैदराबाद । जमईत उल्मा आंधरा प्रदेश के सदर मौलाना हाफ़िज़ पिर शब्बीर अहमद एम एल सी ने आज दफ़्तर जमईत उल्मा अंबर पेट पर अपने एक सहाफ़ती ब्यान में कहा कि 9 और 10 जून शनीवार ओर रवीवार को मद्रेसा सिराज उल-उलूम हशमत पेट सिकंदराबाद महकमा शरई

उर्स शरीफ सय्यद महबूब अली शाह कादरी

हैदराबाद । उर्स शरीफ हज़रत सय्यद महबूब अली शाह कादरी निगरान दरगाह हज़रत सय्यद सआदत विकाराबाद का 2 जून को शाह साहब पहाड़ी नॉर्थ लाला गौड़ा सिकंदराबाद में तय‌ है ।।

शेख ज़फ़र हसन मदनी परताब गढ़ी का बयान‌

हैदराबाद । शेख़ ज़फ़र हसन मदनी परताब गढ़ी का 2 जून को मस्जिद तौहीद सात गुंबद रोड में मग़रिब कि नमाज के बाद आम बयान होगा ।

इशा कि नमाज़ के बाद मस्जिद मुहम्मदिया , कुतुब ख़ाना बीबी बाज़ार में आम बयान तय‌ है ।

जलसा दस्तार बन्दी‍ ओर तक़सीम अस्नाद

हैदराबाद । शेख अनवर हुसैन के मुताबिक‌ 2 जून को मग़रिब कि नमाज के बाद‌ अहाता मद्रेसा अरबिया खदीजा कुबरा सैफी कॉलोनी वटे पली महमूदा होटल वर्म गड्डा रोड में जलसा होने वाला है ।

मौलाना अकबर मीरां सय्यद शाह मुहम्मद अबदूर्रज़्ज़ाक़ की दस्तार बंदी

हैदराबाद । हज़रत सय्यद शाह मुहम्मद यूसुफ़ नबीरा कादरी ब्याबानी हरी बावली के मकान पर, हज़रत मौलाना सय्यद अली मुर्तज़ा कादरी अली मियां सज्जादा नशीन दरगाह हज़रत ( माशूक़ रब्बानी सानी ) वरंगल कि सदारत में 22 मई को रस्म दस्तार बन्दी मुनाक़ि

अल्लाह से डर बडे अज्र का सबब‌

बेशक जो लोग अपने रब को देखे बगैर डरते हैं, उन के लिए (अल्लाह की) मग़फ़िरत और बडा अज्र है। तुम अपनी बात आहिस्ता कहो या बुलंद आवाज़ से (इस से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता) बेशक वो ख़ूब जानने वाला है जो कुछ सीनों में है। (नादानो!) क्या वो नहीं जानता (बंद

असल मक़सूद अल्लाह कि रजामंदी हासिल करना हैं

शाह मिस्र मक़ूक़स की ख़ाहिश पर हज़रत अमर बिन आस (रज़ी.) ने मक़ूक़स के पास दस आदमीयों का एक वफ़द भेजा, जिस के रईस हज़रत उबादा बिन साबित (रज़ी.) थे। आप का रंग काला था, मक़ूक़स ने इन को देखा तो घभरा गया और कहने लगा क्या मुस‌लमान एसे ही होते हैं, ये क्या जंग