स्वप्नों का नतिजा बताना
हजरत मोहंमद ( स.व.) की तशरीफ़ आवरी(आने ) से पहले इल्म ताबीर(स्वपनों का नतीजा बताना) तमाम उलूम में अशर्फ़ और अर्फ़ा (उंचा) शुमार होता था। इन तमाम दलीलों के बावजूद मुल्हिदीन की एक जमात ने ये कहते हुए रोया सालीहा (पवीत्र स्वप्नों) का इंकार कि