हैदराबाद ।१३। सितंबर (सियासत न्यूज़) ग़ौस ख़ामोशी इस्लामिक ट्रस्ट ने मुस्लिम तलबा-ए-के फ़ीस री एमबरसमनट मसला पर जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ऐडीटर सियासत कीजानिब से शुरू करदा मुहिम की मुकम्मल ताईद का ऐलान किया ही। ट्रस्ट के नायब सदर जनाब हबीब अबदुर्रहमान इलहा मद, मैनिजिंग ट्रस्टी जनाब इक़बाल अहमद इंजनीयर, मोतमिद मौलाना हुसैन शहीद, रुकन असासी जनाब ग़ौस मुही उद्दीन मक़बूल और ऑफ़िस सैक्रेटरी जनाब जलाल आरिफ़ ने अपने ब्यान में हुकूमत पर सख़्त तन्क़ीद की कि वो अक़ल्लीयतों के साथ धोका दही का मुआमला कर रही ही।
उन्हों ने कहा कि अगर हुकूमत अक़ल्लीयती तलबा-ए-को फ़ीस अदायगी में संजीदा नहीं है तो उसे स्कीम का आग़ाज़ नहीं करना चाहीए था, अब जबकि स्कीम दरमयानी मरहला में ही, अक़ल्लीयती तलबा-ए-को फ़ीस बाज़ अदायगी से महरूम करना सरासर नाइंसाफ़ी होगी। उन्हों ने कहा कि हुकूमत ने जिस नई पालिसी का ऐलान किया ही, इस के तहत अक़ल्लीयती तलबा-ए-मयारी कॉलिजस में दाख़िला हासिल नहीं कर पाऐंगी।
उन्हें मयारी तालीम से महरूम करने की साज़िश की जा रही ही। इन क़ाइदीन ने इल्ज़ाम आइद किया कि कांग्रेस पार्टी जब भी बरसर-ए-इक्तदार रही इस ने अक़ल्लीयतों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तिमाल किया लेकिन उन की तालीमीऔर मआशी तरक़्क़ी केलिए कोई इक़दामात नहीं किए गई। अब जबकि फ़ीस बाज़ अदायगी स्कीम से इस्तिफ़ादा करते हुए कई तलबा-ए-ने पेशावराना कोर्सस में दाख़िला हासिल कर लिया है।
हुकूमत नई पालिसी के ऐलान के ज़रीया इन तलबा-ए-को दरमयान में ही तालीम तर्क करने पर मजबूर कर रही ही। ज़रूरत इस बात की है कि इंसाफ़ के हुसूलकेलिए तमाम सयासी , समाजी और मज़हबी जमातों के क़ाइदीन मुत्तहिद होकर इस जद्द-ओ-जहद में शामिल होजाएं। तलबा-ए-और ओलयाए तलबा-ए-को भी जनाब ज़ाहिद अली ख़ां की मुहिम का हिस्सा बन जाना चाहिए ।
ग़ौस ख़ामोशी ट्रस्ट के क़ाइदीन ने कहा कि दस हज़ार रैंक तक के तलबा-ए-को फ़ीस अदा करने से मुताल्लिक़ हुकूमत का फ़ैसला इस हक़ीक़त के बावजूद किया गया कि बहुत कम अक़ल्लीयती तलबा-ए-ही इस रैंक तक पहुंच पाते हैं। इन क़ाइदीन ने कहा कि हुकूमत को जो मोहलत दी गई ही, उस की तकमील के बाद जो भी एहितजाजी प्रोग्राम मुनज़्ज़म किया जाएगा , इस में ख़ामोशी ट्रस्ट हिस्सा लेकर जद्द-ओ-जहद की कामयाबी में अहम रोल अदा करेगा।