ऊपल की ग़ैर आबाद मस्जिद मुहम्मदिया आबाद हो गई

हैदराबाद २८जुलाई : ( अब्बू अमल ) : ऊपल और अंबर पेट के ग़यूर मुस्लमानों ने बड़ी मेहनत और जुस्तजू के बाद ऊपल तालाब के किनारे 50 साला क़दीम ग़ैर आबाद मस्जिद को आबाद करदिया । आज नमाज़ जुमा के साथ ही इस मस्जिद का दुबाराइफ़्तिताह अमल में आया । सियासत में जनवरी के दौरान एक ख़ुसूसी रिपोर्ट शाय हुई थी जिस में शहर और मुज़ाफ़ात की ग़ैर आबाद मसाजिद के बारे में तफ़सीलात पेश की गईं थीं साथ ही दस मसाजिद की तसावीर की भी वक़फ़ा वक़फ़ा से इशाअत अमल में लाई गई थी अल्लाह का शुक्र है कि इस ने अपने प्यारे नबी ई के सदक़ा मैं रोज़नामा सियासत की इन कोशिशों को कामयाबी अता की है ।

नुमाइंदा ख़ुसूसी की उन्हें रिपोर्टस से हौसला पाकर ऊपल और अंबर पेट के नौजवानों ने तक़रीबन दस साल ग़ैर आबाद मस्जिद को आबाद करने का बीड़ा उठाया और मुसलसल मेहनत के बाद जुमा को ये मस्जिद आबाद होगई । इस मस्जिद को मुक़ामी मुस्लमानों के मश्वरा से मस्जिद मुहम्मदिया से मौसूम किया गया है । कल भी शाय की गई रिपोर्ट में हम ने मुस्लमानों को मश्वरा दिया था कि वो नमाज़जुमा के मौक़ा पर बावुज़ू आएं और अपने साथ जानमाज़ें भी য৒ब लाएंगे । अल्हम्दुलिल्ला शहर के दौर दूर से फ़र्र ज़िंदाँ इस्लाम मस्जिद मुहम्मदिया पहूंचे और नमाज़ जुमा अदा की । दिलचस्पी की बात ये है कि मस्जिद से मुत्तसिल अशोक ली लैंड के शोरूम वालों ने मसलयान मस्जिद की सहूलत की ख़ातिर बिजली का कुनैक्शन भी दिया जिस के नतीजा में लाउड स्पीकर पंखों का इस्तिमाल किया जा सका ।

मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद अबदालमग़नी मज़ाहरी नाज़िम मुदर्रिसा सबील अलफ़लाह-ओ-ने ख़िताब किया । उन्हों ने कहा किमसाजिद को वही लोग आबाद करते हैं जो अल्लाह और उसके प्यारे नबी ई और क़ियामत पर यक़ीन रखते हैं । मौलाना ने बे नमाज़ियों के ताल्लुक़ से जो वईदें आई हैं उन पर रोशनी डाली और अल्लाह के घरों यानी मसाजिद का ज़मीन पर क्या मुक़ाम-ओ-मर्तबा है उसे भी ब्यान किया । मौलाना ने कहा कि अल्लाह के रसूल ई मक्का से हिज्रत कर के मदीना शरीफ़ तशरीफ़ ले गए । उस वक़्त आप ने वहां सब से पहले मस्जिद तामीर की ।

उन्हों ने कहा कि मसाजिद को ग़ैर आबाद करना दरअसल अल्लाह के अज़ाब को दावत देना है । इस के इलावा आबाद मस्जिद को हमेशा आबाद रखना मस्जिद के आस पास मुस्लमानों की ज़िम्मेदारी है वर्ना अल्लाह ताली का घर रोज़ क़ियामत आप से सवाल करेंगी कि तुम लोग अपने लिए घरों पे घर तामीर किए और हमें वीरान करदिया । अल्लाह के दुश्मन के सवाबदीद पर छोड़ दिया था । जिन्हों ने हमारी बेहुर्मती की इस के लिए हक़ीक़त में तुम ही ज़िम्मेदार हो । उन्हों ने मुस्लमानों पर ज़ोर दिया कि वो अज़ाब इलहा से बचनेमसाजिद का रुख करें ग़ैर आबाद मसाजिद को आबाद करें ।

इसी में मिल्लत की भलाई है । मौलाना मुफ़्ती अबदालमग़नी मज़ाहरी ने दुआ भी की । इमामत के फ़राइज़ हाफ़िज़मुहम्मद उबीद अलरहमन ने अंजाम दीए । मस्जिद मुहम्मदिया के दाई हाफ़िज़ मुहम्मद उम्र शफ़ी थे इस ग़ैरमामूली काम में शहाब उद्दीन क़ासिमी अबदालमतीन , मुहम्मद फ़य्याज़, नवेद अख़तर , मुहम्मद ख़लील और जमशेद ख़ां ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया । मस्जिद मुहम्मदिया के आबाद होने पर मुक़ामी मुस्लमानों ने बारगाह रब अलाज़त में सजदा रेज़ हो कर अपने गुनाहों की माफ़ी तलब की और सजदा शुक्र बजा लाया ।

वाज़िह रहे कि सियासत की तहरीक का नौजवानों पर मुसबत असर पड़ा है और वो ग़ैर आबाद मसाजिदको आबाद करने के लिए संजीदा कोशिशें कररहे हैं । वैसे भी अल्लाह ताली नीयतों को देखते हैं और आप का मक़सद अच्छा इरादा नेक हो तो यक़ीनन अल्लाह ताली आप को और आप के मिशन को कामयाबी से हमकनार करता है ।