चारमीनार के क़रीब शर फैलाने में बैरूनी शरपसंदों(कलहप्रिय‌) की कोशिश(प्रयत्न‌)

हैदराबाद । ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍०3‍ नवंबर : शहर में चंद मुट्ठी भर शरपसंद (कलहप्रिय‌)अपने नापाक अज़ाइम की तकमील के लिए गंगा जमुनी तहज़ीब को नुक़्सान पहुंचाने की मुसलसल कोशिशें कररहे हैं और मुख़्तलिफ़ बहानों से फ़िर्कावाराना (सांप्रदायिक‌)हम आहंगी को मुतास्सिर करने की हत्तलमक़दूर काविशें की जा रही है लेकिन फ़िर्कावाराना(सांप्रदायिक‌) हम आहंगी में यक़ीन रखने वाले अवाम और बाअज़ फ़र्ज़शनास पुलिस ओहदेदार शरपसंदों(कलहप्रिय‌) को उन की कोशिशों में कामयाब होने से रोक रहे हैं ।

शरपसंद(कलहप्रिय‌) कभी चिया नलों के ज़रीया तो कभी इश्तिआल अंगेज़ तक़रीरों-ओ-नारों के ज़रीया पुरअमन माहौल को तबाह करने की कोशिश कररहे हैं इसी तरह ऐस ऐम ऐस और फ़ोनों के ज़रीया भी अवाम के मज़हबी जज़बात से खिलवाड़ किया जा रहा है । मुख़्तलिफ़(विभिन्न‌) तद्बीरों और शर अंगेज़ी में नाकामी के बाद ऐसा लगता है कि एक ख़तरनाक मंसूबा के तहत तारीख़ी चारमीनार को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है इस के लिए चारमीनार के किनारे मुतनाज़ा मज़हबी ढांचा को इस्तिमाल किया जा रहा है । अपने शहर और यहां की गंगा जमुनी तहज़ीब से प्यार करने वाले अफ़राद का कहना है कि शरपसंद नित नए तरीक़ों के ज़रीया चारमीनार के क़रीब तना-ओ-कशीदगी की कैफ़ीयत पैदा कर रहे हैं ।

ऐस ऐम ऐस और फ़ोनों से दीगर मुक़ामात से शरपसंदों (कलहप्रिय‌)और अमन के दुश्मनों को तलब किया जा रहा है । चुनांचे जुमा के मौक़ा पर शरपसंदों ने 100 से ज़ाइद शरपसंदों को जमा करलिया चंद दिन से तो इस मुक़ाम परएक अजीब तमाशा किया जा रहा ही। मुतनाज़ा ढांचा को मुसलसल आगे बढ़ाया जा रहा है । अमन पसंद मुक़ामी हिंदू मुस्लिम हज़रात ने बताया कि अब तो एक नया तरीक़ा शुरू किया गया है हाथ में दिया ( चिराग़ ) लिए चारमीनार के अतराफ़ फेरे लगाए जा रहे हैं । वक़्त बह वक़्त पूजा के नाम पर बेचैनी की कैफ़ीयत (दशा)पैदा की जा रही है ।

एक मुक़ामी हिंदू बुज़ुर्ग के मुताबिक़ मुक़ामी ज़िम्मेदार पुलिस ओहदेदार आख़िर क्या कर रहा है। किसी भी पुलिस स्टेशन के हदूद में अमन की बरक़रारी ज़िम्मेदार ओहदेदार की ज़िम्मेदारी होती है लेकिन यहां ऐसा लगता है कि शरपसंदों(कलहप्रिय‌) के मंसूबों को आला ओहदेदार रोकने पर तुले हुए हैं लेकिन उनके मातहत ओहदेदार शरपसंदों(कलहप्रिय‌) की मदद कररहे हैं । कमिशनर पुलिस अनुराग शर्मा एक काबिल ओहदेदार हैं । अश्रार की सरकूबी के ज़रीया वो शहर में अमन-ओ-अमान की फ़िज़ा बरक़रार रख सकते हैं । शहर के एक ग़ैर मुस्लिम दानिश्वर के मुताबिक़ कमिशनर पुलिस अनुराग शर्मा को चाहीए कि वो इन मातहत ओहदेदारों का तबादला करदें जो अमन की बरक़रारी में नाकाम हो गए हैं ।

इन साहिब ने बिलकुल सही कहा है क्यों कि कोई अगर मंदिर की बजाय चारमीनार के अतराफ़ घूमते हुए फेरे ले रहा तो पुलिस को इस का नोट लेना चाहीए और उसे ऐसा करने से रोकना चाहीए । अगर कोई ज़हनी तौर पर माज़ूर शख़्स ऐसा करता है और पुलिस ख़ामोश रहती है तो ये अलग बात है लेकिन शरपसंद(कलहप्रिय‌) सिर्फ़ और सिर्फ़ शरपसंदी के लिए इस तरह की हरकत कररहे हूँ तो पुलिस आख़िर क्यों ख़ामोशी इख़तियार की हुई है । अनुराग शर्मा को अपने मातहत ओहदेदारों की इस मुजरिमाना ख़ामोशी का सख़्त नोट लेना चाहीए । जुमा के मौक़ा पर भी चारमीनार के फेरे लिए गए पुलिस ख़ामोश रही । ऐन अज़ान के वक़्त नारे बुलंद किए गए पुलिस ने सुकूत इख़तियार किया ।

ज़राए के मुताबिक़ इस तरह की हरकतों और बार बार मुतनाज़ा ढांचा के क़रीब जमा हो कर पूजापाट करने वालों में गुलज़ार हौज़ के सोने चांदी के ब्योपारी दीगर रियास्तों से ताल्लुक़ रखने वाले अनासिर , बेगम बाज़ार , धूल पेट , घांसी बाज़ार में रहने वाले अश्रार शामिल हैं । बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ शहर के लोग इस मुआमला से बहुत दूर हैं जब कि गुजरात , राजिस्थान , महाराष्ट्रा , यू पी और बिहार से आकर हैदराबाद में बस गए अश्रार चारमीनार के क़रीब इश्तिआल पैदा करते हुए हालात को ख़राब करने के दर्पा हैं । पुलिस को इन अश्रार पर कड़ी नज़र रखने की ज़रूरत है ।

आज मीडीया नुमाइंदों के दरमियां धूल पेन के एक केबल चिया नल के कैमरा मैन ने अचानक जुए श्री राम के नारे लगाने शुरू करदिए कुछ देर के लिए वहां मौजूद मीडीया नुमाइंदों में भी हैरत की लहर दौड़ गई ताहम ए सी पी चारमीनार राम मोहन ने उसे फ़ौरी दबोच लिया और अपने मातहत ओहदेदारों को ये कहते हुए उसे हवाला कर दिया कि उस शख़्स को पुलिस की गाड़ीयों में बिठालें ताहम मातहत ओहदेदारों ने इस से नरमी बरतते हुए वहां से रफूचक्कर होजाने का भरपूर मौक़ा फ़राहम किया । अगर इलाक़ा का ज़िम्मेदार ओहदेदार ही अपनी ज़िम्मेदारी से ग़फ़लत बरते और जान बूझकर अश्रार की मदद करे तो फिर अश्रार को उन की तबाहकुन कार्यवाईयों से कौन रोकेगा ।

ए सी पी चारमीनार ने बहुत अच्छा काम किया था लेकिन उन के मातहत ओहदेदार ने बड़ी बेदिली से कार्रवाई करते हुए शर फैलाने वाले को फ़रार होने का मौक़ा फ़राहम किया । कमिशनर पुलिस और ओहदेदारों को चाहीए कि वो शरपसंदों की मदद करने वाले ओहदेदारों पर नज़र रखे वर्ना ये भी अश्रार की मदद करते हुए अमन को नुक़्सान पहूँचाने का बाइस बिन सकते हैं । बावसूक़ ज़राए से ये भी मालूम हुआ है कि चंद रोज़ पहले एक पुलिस ओहदेदार ने रात में ही मंदिर को गै़रक़ानूनी तौर पर आबी क्नैक्शन दिया ।

डरेंज की लाईन दी गई । पानी की टांकी नसब करवाई इतने बड़े काम यूं ही नहीं होते । अब यहां ये सवाल पैदा होता हीका पुलिस के आला ओहदेदार इन तबदीलीयों और वाक़ियात को महसूस नहीं कररहे हैं । जब कि चारमीनार एक तारीख़ी और आसारे-ए-क़दीमा(पुराने ज़माने की) की बहुत ही शाहकार इमारत है इस के 100 मीटर अतराफ़ तक खुदाई नहीं की जा सकती ।
पुलिस के आला ओहदेदारों को इस बात पर भी ग़ौर करना चाहीए कि हर जुमा को ही शरपसंद(कलहप्रिय‌) तनाज़ा खड़ा करने की कोशिश क्यों कररहे हैं । वीडियोग्राफी और तस्वीरकशी के ज़रीया शरपसंदों पर नज़र रखी जानी बहुत ज़रूरी है । इस बात काभी पता चला है कि एक पुलिस ओहदेदार चारमीनार शिफ़ाख़ाना में जुमा के दिन मंदिर आने वालों के लिए मुफ़्त पार्किंग फ़राहम करने की हिदायात दे रहा ही। कमिशनर पुलिस मिस्टर अनुराग शर्मा को चाहीए कि वो इस तरह की हिदायत देने वाले ओहदेदार से वज़ाहत (विस्तार‌)तलब करे और दरयाफ्त करे कि वो किस हैसियत से मुफ़्त पार्किंग फ़राहम करने की हिदायत दे रहा है ।

इस बात का भी पता चला है कि अश्रार की तंज़ीमें ग्रुपों की शक्ल में चारमीनार पहूंचने का मंसूबा बना रही हैं । ऐसे में पुलिस को सख़्त कार्रवाई करते हुए शरपसंदों(कलहप्रिय‌) को अमन-ओ-अमान में ख़लल डालने से रोकना होगा क्यों कि अश्रार वो साँप होते हैं जो इंसानियत और फ़िर्कावाराना भाई चारगी को अपने फ़िकरॊपरस्त ज़हर से नुक़्सान पहुंचाने कोशां(प्रयत्न‌) रहते हैं