हैदराबाद।२९अगस्त ( सियासत न्यूज़) सी पी ऐम के रियास्ती सैक्रेटरी बीवी राघवल्लू ने इल्ज़ाम आइद किया कि चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी धर्मना प्रसाद राव का अस्तीफ़ाक़बूल ना करते हुए काबीना में बद उनवान वुज़रा का तहफ़्फ़ुज़ कररहे हैं । अवाम में ये एहसास पाया जाता है कि चीफ़ मिनिस्टर बद उनवान वुज़रा और उन की सरगर्मीयों कीपर्दापोशी कररहे हैं ।
अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए बीवी राघवल्लू ने कहा कि सी बी आई की जानिब से चार्ज शीट में धर्मना प्रसाद राव का नाम शामिल किए जाने के बाद उन से फ़ौरी अस्तीफ़ा तलब किया जाना चाहीए था । प्रसाद राव ने अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए अपना अस्तीफ़ा पेश किया लेकिन चीफ़ मिनिस्टर ने आज तक अस्तीफ़ाको मंज़ूरी नहीं दी ।
जगन मोहन रेड्डी के असासा जात से मुताल्लिक़ मुक़द्दमात में 6रियास्ती वुज़रा के नाम आरहे हैं जिन्हों ने ऐसे मुतनाज़ा जी ओजारी किए जिन से जगन मोहन रेड्डी और उन की कंपनीयों को फ़ायदा पहुंचा लेकिन किरण कुमार रेड्डी एन वुज़राको भी बचाने की कोशिश कररहे हैं । ऐसा महसूस होता है कि 6वुज़रा को बचाते हुए हुकूमत दरअसल जगन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमात को कमज़ोर करने की कोशिश कररही है । राघवल्लू ने कहा कि मुतनाज़ा जी औज़ की इजराई के मुआमलात में वुज़रा का मुलव्वसहोना वाज़िह होचुका है और उन की काबीना में बरक़रारी का कोई जवाज़ पेश नहीं करसकता । कांग्रेस आला कमान ने भी चीफ़ मिनिस्टर को मुकम्मल इख़्तयारात दिए हैं इस के बावजूद चीफ़ मिनिस्टर उस की कार्रवाई से गुरेज़ कररहे हैं ।
रियासत में बर्क़ी बोहरान का हवाला देते हुए सी पी ऐम सैक्रेटरी ने कहा कि गुज़शता 10 बरसों में इस क़दरसंगीन बोहरान कभी पैदा नहीं हुआ था । उन्हों ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर बर्क़ी बोहरान कीयकसूई के बगै़र अवाम को गुमराह कररहे हैं । उन के ये दावे बेबुनियाद हैं कि देही इलाक़ों में किसानों को 7घंटे बर्क़ी सरबराह की जा रही है । राघवल्लू ने चीफ़ मिनिस्टर से मुतालिबा किया कि वो बर्क़ी सरबराही सूरत-ए-हाल का जायज़ा लेने अज़ला का दौरा करें जहां किसान फसलों की तबाही से परेशान हैं । सी पी ऐम की जानिब से बर्क़ी बोहरान कीयकसूई में हुकूमत की नाकामी के ख़िलाफ़ आज तिरूपति में एहतिजाज मुनज़्ज़म किया गया और सदर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन के दफ़्तर का घीराॶ किया गया ।
एहतिजाज की क़ियादत बीवी राघवल्लू ने की । उन्हों ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर का ये ब्यान इंतिहाईग़ैर ज़िम्मा दाराना है कि मौजूदा बर्क़ी बोहरान केलिए उन की हुकूमत ज़िम्मेदार नहीं है । उन्हों ने कहा कि जब कभी मानसून में नाकामी होती है तो हुकूमत को चाहीए कि वो मर्कज़ या फिर दूसरी रियास्तों से बर्क़ी हासिल करके ज़रई शोबा का तहफ़्फ़ुज़ करें । उन्हों ने कहा कि ऐसे वक़्त जब कि रियासत में बारिश भी होरही है हुकूमत की जानिब से देहीऔर शहरी इलाक़ों में बर्क़ी कटौती काफ़ैसला दरअसल हुकूमत की बदइंतिज़ामी को ज़ाहिर करता है ।
अगर हुकूमत पहले ही से एहतियाती इक़दामात करती तो इस तरह की सूरत-ए-हाल पैदा ना होती । उन्हों ने वाअदे के मुताबिक़ किसानों को सात घंटे बर्क़ी सरबराहकरने का मुतालिबा किया ।