हैदराबाद०९अक्टूबर: अक़ल्लीयती प्रोफ़ैशनल तालीमी (पढाई) इदारे मुस्लमानों की तालीमी , मआशी, समाजी तरक़्क़ी के लिए एहमीयत रखते हैं इन इदारों के साथ तआवुन(पारस्परिक सहायता) करना मुस्लमानों के लिए ज़रूरी है । जिस मक़सद के तहत इन इदारों का क़ियाम अमल में लाया गया अगर इस से मुस्लमान इस्तिफ़ादा ना करेंगे तो ये उन के लिए बदबख़ती की बात होगी , मुस्लमानों का तालीमी रुजहान(रुचि) पढ़ाई की जानिब कम होता जा रहा है जिस की वजह से बाअज़ अक़ल्लीयती इदारों को बंद करने की नौबत आ गई है।
इन इदारों के बंद होने से मैनिजमंट का नुक़्सान नहीं बल्कि मिल्लत-ए-इस्लामीया का नुक़्सान होगा इस लिए मुस्लमानों को अपना मुहासिबा करने की ज़रूरत ही। इन ख़्यालात का इज़हार डाक्टर मुहम्मद वज़ारत रसूल ख़ान साबिक़ रुकन असैंबली-ओ-बानी-ओ-चेयरमैन शादां डाक्टर वे आर के ग्रुप आफ़ तालीमी इदारे जात ने आज शादां कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टैक्नालोजी, पीरान चीरो,बीटेक साल-ए-अव्वल के ओरनटीशन डे प्रोग्राम के मौक़ा पर किया। ;
उन्हों ने कहा कि शादां कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टैक्नालोजी पीरान चीरो हैदराबाद की तासीस995-ए-में अमल में आई। इस कॉलिज को जे एन टी यू में पहला अक़ल्लीयती इदारा होने का एज़ाज़ हासिल है और ये कॉलिज अपनी तासीस से ही बेहतर नताइज के साथ यूनीवर्सिटी में सर-ए-फ़हरिस्त रहा ही।
उन्हों ने कहा कि मुस्लमान तलबा-ओ-तालिबात का पढ़ाई की जानिब रोहजान कम होता जा रहा है जबकि मुस्लमान इस ग़लतफ़हमी का शिकार होरहे हैं कि इन के घर का हर लड़का या लड़की अनजीनर बन रहे हैं। दूसरे मज़ाहिब के साथ तक़ाबुल किया जाय तो मुस्लमानों का फ़ीसद तनासुब इंतिहाई कम ही।
बच्चों की इबतिदाई तालीम पर तवज्जा देने के लिए ज़ोर देते हुए कहा कि हमारे बच्चों की इबतिदाई तालीम नाक़िस होने की वजह से प्रोफ़ैशनल कोर्सस में एहमीयत कम दे रहे हैं। उन्हें रियाज़ी , साईंस में ख़ुसूसी तवज्जा दी जाई। उन्हों ने कहा कि हुकूमत की जानिब से कई सहूलयात फ़राहम किए जा रहे हैं । इस के बावजूद मुस्लमान इस से इस्तिफ़ादा ना करें तो ये शर्मिंदगी की बात होगी। उन्हों ने कहा कि इंतिज़ामीया तलबाव तालिबात के बेहतर मुस्तक़बिल के लिए मक़दूर भर कोशिश करता है जिस के लिए वालदैन और तलबा-ओ-तालिबात भी इंतिज़ामीया का साथ दें तो कॉलिज के साथ साथ इन का और वालदैन का नाम रोशन होगा। जनाब सय्यद एज़ाज़ अलरहमन वाइस चेयरमैन शादां ग्रुप आफ़ तालीमी इदारे जात ने तलबाव तालिबात को मुबारकबाद देते हुए कहा कि तलबा अपनी क़ाबिलीयत और तालीमी सलाहीयतों को प्रवान चढ़ाने के लिए सख़्त मेहनत और जुस्तजू करें।
उन्हों ने साल-ए-अव्वल के मज़ामीन की एहमीयत को उजागर करते हुए तफ़सीलात बताएं और तलबा को अपने ज़र्रीन मश्वरों से नवाज़ा। उन्हों ने कहा कि जब तलबा अपनी बुनियाद को मज़बूत करेंगे तो वो मुस्तक़बिल में बेहतर और कामयाब अनजीनर बन सकते हैं। बैन-उल-अक़वामी सतह पर होने वाली नई नई ईजादात पर नज़र रखें। जमात में पाबंदी से शरीक रहें और मुख़्तलिफ़ सेमिनारों में शिरकत करते हुए अपने में क़ाबिलीयत और सलाहीयतें पैदा करने की कोशिश करें। उन्हों ने तलबा-ओ-तालिबात पर ज़ोर दिया कि वो इन तमाम हालात को पेश-ए-नज़र रख कर अपनी तालीम को जारी रखें । एक अच्छे और काबुल अनजीनर बन कर मुल्क-ओ-मिल्लत का नाम रोशन करें।
प्रोफ़ैसर अहमद उल्लाह ख़ान वाइस चेयरमैन पी सी एमबी ने डाक्टर मुहम्मद वज़ारत रसूल ख़ान की ख़िदमात को सराहते हुए उन्हें ख़राज-ए-तहसीन पेश किया। उन्हों ने कहा कि मुस्लमानों की आला तालीम के लिए डाक्टर साहिब ने जिस तरह तालीमी इदारों का जाल बिछाया है इस से इस्तिफ़ादा करने की ज़रूरत ही। जनाब ख़्वाजा कमाल उद्दीन हाल मुक़ीम यू एसए ने अपनी तक़रीर में कहा कि अनजीनर बनना अहम नहीं बल्कि इस के बाद क्या करेंगे वो अहम है।
अपने अच्छे और बेहतर मुस्तक़बिल के लिए लायेहा-ए-अमल तर्तीब दें और इसी को मल्हूज़ रख कर तालीम हासिल करें। उन्हों ने कहा कि डाक्टर साहिब जिस तरह इंसानों से मुहब्बत करते हैं इस का सबूत यही हीका वो मिल्लत के होनहारों की बेहतर तालीम-ओ-तर्बीयत के लिए हमेशा कोशां रहते हैं और इतने इदारों का क़ियाम उन की मिल्लत-ए-इस्लामीया से मुहब्बत का सबूत ही। ओरनटीशन डे प्रोग्राम का आग़ाज़ हाफ़िज़ शुऐब अली मुतअल्लिम साल दोम बीटेक की क़रणत कलाम पाक से हुआ।
जनाब के ऐम ऐच अंसारी डायरैक्टर शादां कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टैक्नालोजी पीरान चीरो ने अपनी इस्तिक़बालीया तक़रीर में मेहमानों का ख़ैर मुक़द्दम किया और कॉलिज की तालीमी सरगर्मीयों पर रोशनी डाली। उन्हों ने कहा कि इस साल साल-ए-आख़िर का नतीजा 95फ़ीसद रहा। जनाब अंसारी ने कहा कि बीटेक की 6ब्रांचस और एमटेक की 6ब्रांचस में तालीम दी जा रही है जबकि एमबी ए की एक ब्रांच क़ायम है। उन्हों ने कहा कि 2002-ए-में कॉलिज के एक तालिब-ए-इल्म ने गोल्ड मैडल हासिल किया था जबकि 2006-ए-में एक तालिब-ए-इल्म ने मुल़्क की सतह पर गेट इमतिहान में दूसरा रैंक हासिल किया जिस का फ़ीसद तनासुब9.91था। जुलाई 2012-ए-में एक तालिबा आराज फ़ातिमा ने रियास्ती सतह पर इंजीनीयरिंग मज़मून पेपर प्रज़न्टॆशन पेश करके हुकूमत आंधरा प्रदेश से ऐवार्ड हासिल किया।
उन्हों ने कहा कि कॉलिज में बेहतर तालीमी माहौल ही, काबिलओतजुरबाकार असातिज़ा की ख़िदमात हासिल हैं। इस मौक़ा पर जनाब ग़ौस उद्दीन वाइस चेयरमैन प्लानिंग पी सी एमबी,जनाब मुही उद्दीन घटाला चेयरमैन आर के कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टैक्नालोजी बोधन, प्रोफ़ैसर ख़्वाजा नासिर उद्दीन चीफ़ एडमिनिस्ट्रेटर डाक्टर वे आर के व्युमनस मैडीकल कॉलिज-ओ-हॉस्पिटल, जनाब सय्यद इक़बाल अहमद चीफ़ आकीटकट पी सी एमबी, जनाब शमीम उद्दीन डायरैक्टर शाज़ कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टैक्नालोजी, जनाब अबदुल्लाह अंसारी चेयरमैन अयान कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टैक्नालोजी मौजूद थी।