हैदराबाद १४अगस्त (सियासत न्यूज़)एक हदीस में इरशाद पाक है कि अल्लाह ताला क़ियामत के दिन जिन लोगों से उन के आमाल के बारे में सवाल करेगा,इन मेंसे एक किस्म के लोग वो हैं जो सेहत मंद थे और उनके मुताल्लिक़ीन में कुछ लोग किसी मर्ज़ में मुबतला थे मगर उन्हॊने ने तीमारदरारी नहीं की, अल्लाह ताला क़ियामत के दिन उन से सवाल करेगा में फ़ुलां मर्ज़ में मुबतला हुआ मगर तुम ने मेरी इयादत नहीं की, वो कहेगा ए अल्लाह रब अलालमीन तो सारे जहां का पालनहार है तो कैसे बीमार हो सकता है ?
अल्लाह ताली फ़रमाएगा , मेरा फ़ुलां बंदा बीमार हुआ , फ़ुलां मर्ज़ में मुबतला हुआ मगर तूने उसकीइयादत नहीं की , अगर तो उसकी इयादत करता तो मुझे वहां पाता (मुस्लिम किताब अलबरो अलसलৃ) उस की तशरीह में उल्मा फ़रमाते हैं कि किसी भी मरीज़ से हमदर्दी का हक़ सिर्फ उस की इयादत से अदा नहीं हो सकता ,बल्कि कि अग्रवा देख भाल और मालीइमदाद का मुहताज है या उसे दूसरी ख़िदमात की ज़रूरत है तो ये सारी सूरतों इख़तियार की जाउंगी। इस हदीस पाक के तनाज़ुर में हम अपने इर्दगिर्द जायज़ा लें तो ऐसे कई अफ़राद या ख़ानदान मिल जाएंगे जो हमारी इयादत(बशकल माली इमदाद) के मुंतज़िर हैं मगर हम अपनी जरूरतों में इस क़दर मगन हैं कि शायद ही ऐसे अफ़राद की इयादत का ख़्याल आता ही।मुहम्मद नगर चंदरायन गट्टा से ताल्लुक़ रखने वाली गोसिया बेगम का घर ऐसा ही है ,जिनकी इयादत (बशकल माली इमदाद या ईलाज) की ज़रूरत ही।
उनकी दो लड़कीयां और एक लड़का पिछले 17 साल से जिस्मानी माज़ूरी का शिकार हैं मगर ग़रीबी-ओ-मुफ़लिसी के सबब अपने बच्चों के ईलाज से भी क़ासिर हैं। गोसिया बेगम के शौहर मुक़ामी मस्जिद में सफ़ाई का काम अंजाम देते हैं मगर इतनी आमदनी इतनी कम है कि गुज़ारा मुश्किल से होता है।
एक लड़का जो सेहत मंद और घर की कफ़ालत कर सकता था वो हालात से तंग आकर सब को छोड़कर अलैहदा रहने लगा। अब कोई नहीं जो उनकी मदद करसके ,सिवाए उन अफ़राद के जिनके यहां गोसिया बेगम काम करती थीं।मुहतरमा गोसिया बेगम के मुताबिक़,उन्हें जुमला चार लड़के ऊर्दू तीन लड़कीयां हैं ,मगर चार में दो लड़के मुख़्तलिफ़बीमारीयों का शिकार थे जिनका मुनासिब ईलाज ना होने से इंतिक़ाल करगए ,माबक़ी दो बेटों में से एक सेहत मंद बेटा अलैहदा हो चुका है जबकि दूसरा माज़ूर ही, उनके इलावातीन में दो लड़कीयां माज़ूर ।उनकी माज़ूरी-ओ-लाचारी का अंदाज़ा लगाऐं कि कि ये लोग ना चल सकते हैं ,ना उठ सकते हैं और ना ख़ुद कोई काम कर सकते हैं,ना पांव काम करता है और ना हाथ , लिहाज़ा 17साल से उनकी वालिदा-ओ-बहन जो सेहत मंदाएं ,अपने माज़ूरभाई और बहनों की ख़िदमत अंजाम देती हैं ।
एक तरफ़ औलाद की जिस्मानी माज़ूरी और दूसरी तरफ़ ग़रीबी और मुफ़लिसी गोसिया बेगम केलिए ना सिर्फ ज़हनी अज़ीयत की वजहा बनी बल्कि परीशानीवंो मुश्किलात से वो ख़ुद बी पी-ओ-शूगर की मरीज़ हो गई हैं ।बिरादरान इस्लाम से गोसिया बेगम ने इमदाद की अपील की है,
इन का एकाऊंट नंबर8296 सैंटर्ल बैंक आफ़ इंडिया-ओ-मकान नंबर 18-13-8/M/982और उन से रास्तराबिता केलिए इन का फ़ोन नंबर है 8686656915 ।गोसिया बेगम की दुख और मसाइब से भरी दास्तान ख़ुद उनकी ज़बानी सुनने सियासत की वेबसाइट www.siasat.com का मुलाहिज़ा किया जा सकता है जहां उन के इंटरव्यू का वीडियो मौजूद है ।