माह रमज़ान ग़ज़वा बदर और फ़तह मक्का की भी याद दिलाता है

हैदराबाद०७ अगस्त : ( रास्त ) : माह रमज़ान के आमद के साथ ही उम्मत मुस्लिमाके हर फ़र्द मैं अहकाम ख़ुदावंदी पर पाबंदी नुक़्ता उरूज पर दिखाई देती है । इसी को बादरमज़ान के भी जारी रखें तो एक अज़ीमतरीन सालिह मुआशरा तशकील पा सकता है जो कि वक़्त का अहम तक़ाज़ा है ।

इन ख़्यालात का इज़हार लीलता अलक़द्र कान्फ़्रैंस केज़िमन में मुनाक़िदा नौजवानों के कसीर इजतिमा बमुक़ाम ख़ानक़ाह बग़दादिया , काला डेरामुलक पेट से जो कल हिंद मर्कज़ी रहमत आलम कमेटी के ज़ेर-ए-एहतिमाम ग्यारहवां सालाना प्रोग्राम 15 अगस्त बरोज़ चहारशंबा बाद नमाज़ तरावीह मुनाक़िद होगा के सिलसिले में रखा गया था मुख़ातब करते हुए मौलाना सय्यद सादात पैर बग़्दादी सरपरस्त ने किया और कहा कि आज मलिक के हालात मुस्लमानों को बेदार कर रहे हैं कि आसाम , बरेलीशरीफ़ के इलावा बर्मा में मुस्लिम कश फ़सादाद जिस में सैंकड़ों मुस्लमानों का क़तल-ए-आम और हज़ारहा लोगों के बेघर होजाने पर तशवीश की लहर पैदा करदी ।

उन्हों ने कहा कि माह रमज़ान तक़वा-ओ-परहेज़गारी के साथ साथ ग़ज़वा बदर और फ़तह मक्का की भी याद दिलाते हैं । मुस्लमानों को क़ुरआन और सीरत उन्नबी(सल.) की रोशनी में इत्तिहाद-ओ-इत्तिफ़ाक़ पैदा करते हुए उन के ख़िलाफ़ की जाने वाली साज़िशों से होशयार रहने की ज़रूरत है । मुहम्मद शाहिद इक़बाल कादरी सदर ने बताया कि कल हिंद मर्कज़ी रहमत आलम कमेटी गुज़शता 17 सालों से दीनी ख़िदमात अंजाम देती आ रही है ।

उन्हों ने कमेटी के अग़राज़-ओ-मक़ासिद को पेश करते हुए कहा कि रहमत आलम कमेटी अक़ीदा अहलसन्नत के साथ साथ मुआशरा से बिलख़सूस जहेज़ का लेन देन , घोड़े जोड़े और ख़ुसूसी तौर पर मुआशरा मैं डावरी केसेस के बढ़ते हुए रुजहान को रोकने की कोशिश कर रही है ।

इस कान्फ़्रैंस में दुनियाए इस्लाम के दो आलमगीर उलमाए अहलसन्नत कीआमद होगी । नामों का अनक़रीब ऐलान किया जाएगा । डाक्टर मुहम्मद अबदालनईम कादरी नायब सदर ने भी जलसा से ख़िताब क्या । इस जलसा में मुहम्मद हिदायत अल्लाह ख़ां अरशद , मुहम्मद अबदुलकरीम रिज़वी , हाफ़िज़ मुहम्मद साजिद कादरी , मुहम्मद अहमद ख़ां , सय्यद यूनुस , हाफ़िज़ शेख़ हुसैन और कसीर तादाद ने शिरकत की ।।