हैदराबाद 21 । सितंबर : दुनिया की तमाम कौमें और हुकूमतें तमाममज़ाहिब के एहतिराम को और उन के पीशवाॶं की ताज़ीम को ज़रूरी और लाज़िमीसमझती हैं । तमाम इंसानों के सरदार बल्कि तमाम अनबया-ए-ओ- पैग़म्बरों के इमाम नबी रहमत मुहम्मद अरबी ई जिन की सारी ज़िंदगी इंसानों के हक़ में ख़ैर ख़्वाही और हमदर्दी में गुज़री है जिन के तक़द्दुस और एहतिराम-ओ-सदाक़त की हज़रत मोसीऑ और हज़रत ईसीऑ जैसे जलील-उल-क़दर पैग़म्बरों ने शहादत दी है ।
के बारे में ग़लत ख़्याल रखना या आप की शान में बेअदबी-ओ-गुस्ताख़ी करना ना सिर्फ कमीना पन की अलामत है बल्कि बला तफ़रीक़ मज़हब-ओ-मिल्लत तमाम इंसानों की दिला ज़ारी भी है लेकिन इस के बावजूद अमरीका की सरज़मीन से वक़फ़ा वक़फ़ा के बाद शैतानी सिफ़त मालून-ओ-मनहूसज़हन रखने वाले इस्लाम और पैग़ंबर इस्लाम के ख़िलाफ़ ज़हर अफ़्शानी और बेहूदा गोई करते रहे हैं ।
आइन्दा के लिए ज़रूरी है कि वो इस शैतान सिफ़त को कैफ़र-ए-किर्दार तक पहूँचा कर निहायत इबरतनाक सज़ा बरसर-ए-आम दे कर सारी दुनिया के इंसानों और बिलख़सूस मुस्लमानों को मुतमइन करे कि पेशवा यान मज़हब की शान में गुस्ताख़ी का ये इबरतनाक अंजाम है ताकि आइन्दा किसी को भी ऐसी जुर्रत ना हो ।।