सोने की क़ीमत में इज़ाफ़ा का रुजहान

हैदराबाद०४सितंबर । सोने और चांदी की क़ीमतों में जारीया हफ़्ता भी मुसलसल इज़ाफ़ा का रुजहान देखा गया तक़रीबन देढ़ माह तक जारी रहे हिन्दुवों और मुस्लमानों के तहवारों और ईद के बाद ये समझा जा रहा था कि सोने और चांदी की क़ीमतों में कुछ कमी आएगी लेकिन कमी आने की बजाय उन क़ीमती धातों की क़ीमतों में लगातार इज़ाफ़ा ही होता जा रहा है । इस के बावजूद लोग सोना और चांदी ख़रीद रहे हैं ।

गुज़शता हफ़्ता 24 कैरात सोने (मयारी सोने ) की क़ीमत फ़ी तौला 31,270 रुपय तक पहूँची थी और इस के बाद हर रोज़ उस क़ीमत में इज़ाफ़ा होता रहा और बिलआख़िर1780 रुपय फ़ी तौला पहुंच कर ये इज़ाफ़ा रुक गया । इस तरह गुज़शता हफ़्ता की बनिसबत इस क़ीमती धात की क़ीमत में 510 रुपय का इज़ाफ़ा देखा गया ।

24क़ीरात सोने के इलावा दीगर क़ीरात का सोना जो आम तौर पर जे़वरात की बनावट में इस्तिमाल होता है इस की क़ीमत भी मुसलसल बढ़ती रही इस हफ़्ता के आख़िरी दिन इस सोने की क़ीमत फ़ी तौला 31,000 से लेकर 31150 रुपय रही इस सिलसिला में शहर की मुख़्तलिफ़ जीवीलरी शॉप्स के मुआइना से पता चला कि चांदी की क़ीमत भी बढ़ती जा रही हैं । तमाम हफ़्ता के दौरान चांदी 0.999 )की क़ीमतों में मुसलसल इज़ाफ़ा होता रहा यहां तक कि फ़ी केलो चांदी की क़ीमत में 2300 रुपय का कसीर इज़ाफ़ा रिकार्ड किया गया फ़िलवक़्त बाज़ा में चांदी 60000रुपय फ़ी किलो के हिसाब से फ़रोख़त हो रही है ।

सराफा बाज़ार में हालिया रुजहानात से पता चलता हीका क़ीमतें एतिदाल पर लौट आयेंगी वैसे आइन्दा चार हफ़्तों को मौजूदा क़ीमतों में सिर्फ मामूली कमी या इज़ाफ़ा होता रहेगा । जौहरियों का कहना है कि आइन्दा एक माह तक भी मार्किट बहुत सरगर्म रहेगा । दूसरी जानिब ख़ुशकसाली से मुतास्सिरा इलाक़ों में शदीद और औसत किस्म की बारिश के नतीजा में अश्या-ए-ज़रुरीया और कराना अशीया की क़ीमतों में भी कुछ कमी आने की तवक़्क़ो है ।

उस्मान गंज ,मीर आलिम मंडी ,दोनों शहरों हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद के रईतो बाज़ारों ,जनरल बाज़ारों ,मादना पेट मार्किट और बोइन पली मार्किट में कहीं क़ीमतें एतिदाल पर नज़र आएं तो कहनी ज़्यादा रिकार्ड की गईं लेकिन बहैसीयत मजमूई क़ीमतों में कमी का रुजहान ही देखा गया । ताजरीन और सारिफ़ीन को उम्मीद है कि बारिश का सिलसिला जारी रहता है तो आइन्दा हफ़्तों में सबज़ीयों की क़ीमत में कुछ हद तक कमी आ सकती है ।

लेकिन इस बात का भी पता चला है कि बाअज़ बड़े ताजरीन अशीया की ज़ख़ीरा इंदूनी में लगे हुए हैं उन के ख़्याल में चंद हफ़्तों या माह बाद क़ीमतों में इज़ाफ़ा हो सकता है । हुक्काम केलिए ये सूरत-ए-हाल एक चैलेंज बन कर उभर रही है और तक़सीम के निज़ाम को बाक़ायदा बनाना भी इन के लिए एक बड़े चैलेंज से कम नहीं । क़ीमतों का ग्राफ़ देखने से अंदाज़ा होता है कि हालिया अर्सा के दो रॉन्च अव्वल गेहूं ,ज्वार ,मिर्च ,अमली ,अद्रक ,धन्य की क़ीमतों में काबुल लिहाज़ इज़ाफ़ा हुआ है इन अश्या-ए-मातहयाज की क़ीमतों में 7.89 ता 12.53 फ़ीसद का इज़ाफ़ा रिकार्ड किया गया । किशनगंज दाल मार्किट भी क़ीमतों के लिहाज़ से मज़ीद मुस्तहकम रही तौर ,मूंग ,उड़त की दालों की क़ीमतों में इज़ाफ़ा हुआ ।

दालों की पैदावार केलिए मशहूर रियास्तों महाराष्ट्रा ,मध्य प्रदेश और गुजरात में बताया जाता हीका इस मर्तबा दालों की काशत-ओ-पैदावार में ख़तरनाक हद तक कमी आई है । जो इन दालों की सरबराही को यक़ीनी बनाने वाले हुक्काम केलिए ख़तरा की घंटी समझा जा रही है और किसी भी किस्म की सूरत-ए-हाल से निमटने केलिएहुक्काम को हंगामी मंसूबा बनाने की ज़रूरत है जहां तक आम ख़ुर्दनी तेल औरोना सपत्ति का सवाल है बेगम बाज़ार की होलसेल मार्किट में इन की क़ीमत काफ़ी मुस्तहकम हैं जबकि मूंगफली तेल ,मूंगफली के रीफ़ाइनड. तेल और पाम ऑयल की क़ीमतों में उतार चढ़ाव का रुजहान पाया जाता है ।

दूसरी जानिब सौ या बीज के तेल और तिल के तेल की क़ीमतों में 15 केलो के डिब्बे पर बिलतर्तीब 12 और 16 रुपय का इज़ाफ़ा हुआ है ।इस तरह कोंडा और कनोला के साथ साथ वनस्पती की क़ीमतें भी आगे बढ़ी हैं । बारिश के बाइससबज़ीयों की क़ीमतों में कमी आई है ।

दूसरी जानिब NECC अंडों की क़ीमतों में 15 रुपय का इज़ाफ़ा हुआ और 100 अंडों की क़ीमत 316 रुपय रही । हम ने शहर के मुख़्तलिफ़ बाज़ारों के रीटेल शोबा के ताजरीन से बात की जिस पर पता चला कि चने की दाल 73 रुपय ,तौर की दाल 74 ,मूंग की दाल 62 ,मुसव्विर की दाल 54 और माश की दाल 80 रुपय फ़ी किलो फ़रोख़त की जा रही है ।