अक़ल्लीयतों के लिए बजट में ज़ेली मंसूबा बंदी का मुतालिबा

हैदराबाद।३१अगस्त‌, ( सियासत न्यूज़) दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम-ओ-क़बाइल की तरह अक़ल्लीयतों केलिए भी बजट में ज़ेली मंसूबा की मंज़ूरी का मुतालिबा करते हुए कांग्रेस अक़ल्लीयती क़ाइदीन की चीफ़ मिनिस्टर से मुशतर्का नुमाइंदगी का ख़ौरमक़दम करते हुए प्रदेश कांग्रेस के तर्जुमान फ़िरोज़ ख़ान ने कहाकि अक़ल्लीयतों के मसाइल पर क़ाइदीन को इसी तरह मुत्तहदा तौर पर जद्द-ओ-जहद करनी चाहिये। उन्हों ने कहा कि दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम-ओ-क़बाइल और पसमांदा तबक़ात के क़ाइदीन अपने इख़तिलाफ़ात को बालाए ताक़रख कर अपने तबक़ात के मसाइल हल करने केलिए मुत्तहदा जद्द-ओ-जहद करते हैं इसी तरह अक़ल्लीयती क़ाइदीन को भी मुत्तहदा जद्द-ओ-जहद केलिए तैय्यार होजाना चाहिये।

उन्हों ने कहा कि रियासत में अक़ल्लीयतों की आबादी के लिहाज़ से बजट में मुख़तस करदा फ़ंड इंतिहाई नाकाफ़ी ही। हुकूमत को चाहीए कि आबादी के तनासुब से सब प्लान को मंज़ूरी दे और इस में अक़ल्लीयतों की तालीमी और मआशी तरक़्क़ी पर ख़ुसूसी तवज्जा मर्कूज़ की जाई। उन्हों ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी अक़ल्लीयतों से हमदर्दी काइज़हार तो करते हैं लेकिन अक़ल्लीयतों केलिए सब प्लान की मंज़ूरी उन की संजीदगी का इमतिहान होगा। फ़िरोज़ ख़ान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि आइन्दा सालाना बजट में हुकूमत अक़ल्लीयतों के बजट में काबुल लिहाज़ इज़ाफ़ा करेगी।

उन्हों ने फ़ीस री एमबरसमनट के मसला पर तात्तुल को अफ़सोसनाक क़रार दिया और हुकूमत से मुतालिबा किया कि वो इस ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल को दूर करे क्योंकि इस से तलबा और उन के सरपरस्तों में बेचैनी पाई जाती है।

उन्हों ने कहा कि राज शेखर रेड्डी ने ग़रीब तलबा को आला तालीम के हुसूल के लिए फ़ीस री एमबरसमनट स्कीम का आग़ाज़ किया था इस स्कीम में कोई भी तबदीली ग़रीब तलबा के साथ सरासर नाइंसाफ़ी होगी।

इंजीनीयरिंग की फ़ीस के सिलसिला में हुकूमत का ये फ़ैसला नाक़ाबिल-ए-क़बूल है कि सिर्फ 35हज़ार रुपय हुकूमत अदा करेगी और ज़ाइद फ़ीस तालिब-ए-इल्म को अपनी तरफ़ से अदा करनी होगी।

फ़िरोज़ ख़ान ने कहा कि ग़रीब तलबा कहां से ज़ाइद फ़ीस अदा करपाऐंगी। इस तरह की शराइत से ग़रीब और कमज़ोर तबक़ात के तलबा तालीम से दुबारा दूर हो जाएंगी।

उन्हों ने कहा कि फ़ीस री एमबरसमनट के बारे में हुकूमत के फ़ैसला से अक़ल्लीयतों में भी बेचैनी पाई जाती है। हुकूमत की ज़िम्मेदारी है कि वो मुकम्मल फ़ीस की अदायगी का ऐलान करे।