हैदराबाद २०जुलाई (सियासत न्यूज़) कांग्रेस के रुकन असैंबली-ओ-साबिक़ रियास्ती वज़ीर के वेंकट रेड्डी ने सदारती इंतिख़ाब से त्तेलगुदेशम और टी आर इसकी दूरी को जमहूरीयत के मुग़ाइर क़रार देते हुए कहा कि अगस्त में अलहदा तेलंगाना रियासत तशकील देने का फ़ैसला नहीं किया गया तो कांग्रेस के अरकान-ए-पार्लीमैंट के इलावा दीगर क़ाइदीन से मुलाक़ात करते हुए मुस्तक़बिल की हिक्मत-ए-अमली तैय्यार की जाएगी।
आज असम्बली के अहाता में मीडीया से बातचीत करते हुए तेलंगाना के कट्टर हामी के वेंकट रेड्डी ने कहा कि मुस्लिमा जमातों का मलिक के जलील-उल-क़दर ओहदा के लिए मुनाक़िदा सदारती इंतिख़ाब से दूर रहना जमहूरीयत के मुग़ाइर है। उन्हों ने कहा कि मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला चिदम़्बरम ने पार्लीमैंट में तक़रीर करते हुए कहा है कि त्तेलगुदेशम, वाई ऐस आर कांग्रेस और कांग्रेस ने तलंगाना पर वाज़िह मौक़िफ़ का इज़हार नहीं किया, लेकिन तलगो देशम की जानिब से परनब मुकर्जी को मुख़ालिफ़ तलंगाना क़रार देना मज़हकाख़ेज़ है।
सदर त्तेलगुदेशम चंद्रा बाबू नायडू ने सदारती इंतिख़ाब से भी सयासी फ़ायदा उठाने की कोशिश की ही। इलाक़ा तेलगाना की नुमाइंदगी करने वाले तेलगु देशम के रुकन पार्लीमैंट रमेश राठौर ने तलगो देशम के फ़ैसला से मीडीया को वाक़िफ़ कराते हुए परनब मुकर्जी को मुख़ालिफ़ तलंगाना क़रार दिया था।
अगर यही ऐलान सीमा। आंधरा की नुमाइंदगी करने वाले तलगो देशम के किसी रुकन पार्लीमैंट या यरम नायडू से ऐलान करवाया जाता तो तेलंगाना मसला पर तेलगुदेशम कितनी संजीदा ही, इस का कुछ अंदाज़ा होता।
तेलंगाना के मुआमले में परनब मुकर्जी ने नहीं बल्कि चंद्रा बाबू नायडू ने धोका बाज़ी से काम लिया ही। उन्हों ने कहा कि तेलंगाना पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस क़ाइदीन के पास बेहतरीन मौक़ा था, त्तेलगुदेशम की जानिब से हुकूमत के ख़िलाफ़ पेश करदा तहरीक अदमे इअतिमाद के मौक़ा पर वो मर्कज़ पर दबाव बनाने के लिए तेलंगाना के वुज़रा और कांग्रेस के अरकान असम्बली से अपील करचुके थी, मगर उस वक़्त किसी ने तआवुन नहीं किया।
पार्टी सदर सोनीया गांधी से अगस्त में तलंगाना पर फ़ैसला की उम्मीद ही, बसूरत-ए-दीगर तलंगाना के कांग्रेस अरकान-ए-पार्लीमैंट और दीगर क़ाइदीन का इजलास तलब करते हुए मुस्तक़बिल की हिक्मत-ए-अमली तैय्यार की जाएगी।