आदित्य हार्ट केयर‌ सैंटर अमराज़-ए-क़लब के बगै़र ऑप्रेशन का मर्कज़

हैदराबाद ०३ अगस्त :अमराज़-ए-क़लब से मुतास्सिरा अफ़राद का क़ुदरती तरीक़ा-ए-इलाज EECP में ना ही ऑप्रेशन की ज़रूरत है और ना ही मरीज़ को शरीक दवाख़ाना होना है । सेना के दर्द को दूर और क़लब के मुतास्सिर होने पर उसे दुबारा कारकरद बनाने में नया ईलाज इंतिहाई मददगार और मुआविन है । डायरैक्टर आदित्य नान अनवीसीवहरट केर सैंटर ने बताया कि क़लब के अमराज़ की असल वजह ख़ून का इंजिमादहै । क़लब को ख़ून पहुंचाने वाली शरयानों में चिकनाई के जमा हो जाने से इंजिमाद ख़ून वाक़्य होता है ।

जिस के नतीजा में क़लब के मुतास्सिर होने के साथ साथ हमला भी मुम्किन है । EECP ईलाज के ज़रीया ना सिर्फ मुंजमिद ख़ून की हामिल शरयानों की सफ़ाई अमल में लाई जाती है बल्कि बहाव‌ में तेज़ी के साथ सेहत मंदी की मंज़िल की राह परमरीज़ दौड़ने लगता है । ख़ून के इंजिमाद से क़लब में काम करने वाले माईक्रो बाफ़्त भी घट जाते हैं ताहम नए तरीक़ा-ए-इलाज से उन की अज़ सर-ए-नौ तशकील अमल में लाई जाती है । ई ई सी पी तरीक़ा-ए-इलाज से कई एक अमराज़ का तदारुक मुम्किन है ।

खासतौर पर फ़शारा ख़ून ( ब्लड प्रैशर दोनों यानी हाई-ओ-लो ) के इलावा सांस लेने में रुकावट वग़ैरा का ईलाज किया जा सकता है । ई ई सी पी तरीक़ा-ए-इलाज ना सिर्फ सर्जरी से महफ़ूज़ रहने का मूजिब है बल्कि कम ख़र्च भी । नए तरीक़ा-ए-इलाज से इस्तिफ़ादा के लिए कई एक अफ़राद आदित्य नान अनवीसीव हर्ट केर सैंटर ( फ़ोन : 39111333 । 9985333604 ) बगल कुन्टा तिलक रोड आबडस से रुजू हो रहे हैं ।।