आफ़ात समावी(आसमानी मुसीबते) अल्लाह ताली की नाज़िल करदा आफ़ात : मौलाना ग़ोसवी शाह

हैदराबाद०१ नवम्बर: आफ़ात समावी यानी अल्लाह की जानिब से नाज़िल होने वाली आफ़तें जब जोश में आती हैं तो बंदों पर क़हर बरसाती हैं जोकि ज़लज़ली, सेलाब, तूफ़ान, ज़मीन का खिसक्ना या समुंद्र उबल पड़ने की सूरत में ज़ाहिर होती हैं। कई बरसों से समुंद्र बेक़ाबू होते जा रहे हैं जिस की वजह से साहिल पर बसे शहरों की तबाही नाक़ाबिल ब्यान होती ही।

आलमी मज़ाहिब कान्फ़्रैंस के सदर मौलाना ग़ोसवी शाह ने अपने ब्यान में कहाकि ये तूफ़ान हज़ारों लाखों लोगों को अपनी ख़ुराक बना लेते हैं। फ़लकबोस इमारतें पल भर में खिलौनों की तरह बहने लगती हैं। ऐसा लगता है कि ये क़ियामत का छोटा सा मंज़र ही। अमरीका जो ख़ुद को सोपर पावर मुलक कहता है और जिस ने कई ममालिक में अमन के नाम पर ज़ुलम-ओ-बरबरीयत के वो मुज़ाहिरे किए जिस से इंसानियत शर्मसार होगई जिस की हर शोबा-ए-हियात से मुज़म्मत की गई। इस के ख़िलाफ़ एहितजाजी मुज़ाहिरे ख़ुद अमरीकीयों ने भी किए।

आज जब सेंडी नामी तूफ़ान ने अमरीका की हालत को दगरगों करदिया तो उन्हें ख़ुदा याद आरहा ही। जिस सरज़मीन ने अपने शर से सारी दुनिया को ख़ौफ़ज़दा कर रखा था आज क़हर ख़ुदावंदी से ख़ुद ख़ौफ़ज़दा ही। अगर चीका इस से क़बल भी अमरीका कई बार आफ़ात समावी का शिकार हुआ ही।

अब अमरीका को समझ लेना चाहीए कि अल्लाह रब अलाज़त जब्बार-ओ-क़ह्हार भी है जिस के क़हर के आगे दुनिया का कोई शख़्स और ना कुर्रा-ए-अर्ज़ का कोई हिस्सा महफ़ूज़ रह सकता ही। अमरीका में जारी सेंडी तूफ़ान ख़ुदा का एक इशारा है कि ज़ुलम से बाज़ आजाऐं वर्ना इस से बड़े बड़े तूफ़ान बरपा होसकते हैं। मौलाना ग़ोसवी शाह ने मज़ीद कहाकि क़ुरआन मजीद में अल्लाह का फ़रमान है कि तुम ज़मीन वालों पर रहम करो अल्लाह तुम पर रहम करेगा