हैदराबाद । १८। सितंबर : आयूर्वेद एक क़दीम तरीन तरीक़ा-ए-इलाज है जो हमारे मुल्क में हज़ारों सदीयों से राइज है क्यों कि आयूर्वेद में कई ऐसे पेचीदा-ओ-कुहना अमराज़ का ईलाज मौजूद है जिस का मैडीकल साईंस के पास आज तक भी कोई जवाब नहीं है । बिलख़सूस सूर्या सेस आधे सर का दर्द और दीगर कुहना जलदी अमराज़ के ईलाजमैं आयूर्वेद को तिब्ब-ओ-ईलाज-ओ-अदवियात के दीगर तमाम तरीक़ों पर बालादस्ती-ओ-बरतरी हासिल है । चुनांचे ऐसे अमराज़ से मुतास्सिरा अक्सर मरीज़ आयुर्वेदिक तरीक़ा-ए-इलाज पर ही भरोसा करते हैं जो एक ख़ुश आइंद अलामत है ।
क्यों कि आयूर्वेद ही वाहिद तरीक़ा-ए-इलाज है जिस के पास सौ रियासीस और दीगर जलदी अमराज़ की सही तशख़ीसऔर मूसिर ईलाज है । लेकिन ये बड़ी बदबख़ती की बात है कि दीगर इक़साम के तिब्बीमाहिरीन के बरख़िलाफ़ आयूर्वेद के तिब्बी मूआलिजीन-ओ-माहिरीन के पास मुसलसल तिब्बीतालीम का कोई ऐसा प्रोग्राम नहीं है जो डाक्टरों और माहिर वेदों को अपने तजुर्बात के एक दूसरे के माबैन तबादला के लिए कोई प्लेटफार्म नहीं है जहां वो आयूर्वेद के तिब्बी शोबा में होने वाली तहक़ीक़ी , तरक़्क़ी-ओ-तबदीलीयों पर बेहस-ओ-मुबाहिस कर सकें ।
चुनांचे डाक्टर बी आर के आर गर्वनमैंट आयुर्वेदिक कॉलिज से फ़ारिगु त्तहसील डाक्टरों और वेदों ने सौ रियासीस पर ख़ुसूसी तवज्जा मर्कूज़ करते हुए इस मौज़ू पर सी ऐम ई प्रोग्राम शुरू करने का फ़ैसला किया । इस कॉलिज के होनहार सपूत डाक्टर पुजारी रवी कुमार ने जिन काताल्लुक़ ज़िला महबूबनगर के गदवाल टाउन से है सो रियासीस के ईलाज के लिए काफ़ी शौहरत के हामिल हैं ।
डाक्टर रवी कुमार गुज़शता 12 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं वो सो रियासीस के 10 हज़ार मरीज़ों का ईलाज करचुके हैं । जिन में 92 फ़ीसद मरीज़ मुकम्मलतौर पर शिफ़ा याब हुए हैं । इस प्रोग्राम की मेहमान ख़ुसूसी और वज़ीर-ए-इत्तलात श्रीमती डी के अरूना से उन के गिरांक़द्र तआवुन पर इज़हार-ए-तशक्कुर किया गया है ।
इलावा अज़ीं एज़ाज़ी मेहमान डाक्टर जी डी अरूना आई ए ऐस मेहमानान डाक्टर मिलो प्रसाद , डाक्टर ऐस सुधा ऐडीशनल डायरैक्टर ( आयूर्वेद ) डाक्टर ऐस सारंगा पानी , डाक्टर एन सत्य प्रसाद प्रिन्सिपल डाक्टर बी आर के आर गर्वनमैंट आयुर्वेदिक कॉलिज से भी इस प्रोग्राम में शिरकत पर इज़हार-ए-तशक्कुर किया गया ।।