हैदराबाद ०१ अगस्त( सियासत न्यूज़ ) फ़्यूल सर चार्च एजस्टमेन्ट के नाम पर जारीया माह जुलाई के बल में बर्क़ी सारिफ़ीन पर 1400 करोड़ रुपय का बोझ आइद करने के बाद अब महिकमा बर्क़ी की जानिब से एक बार फिर सारिफ़ीन से फ़्यूल सर चार्च एजस्टमेन्ट के नाम पर मज़ीद 8000 करोड़ रुपय की भारी रक़म ईंठने का मंसूबा है । इस सिलसिला में महिकमा बर्क़ी को इलेक्ट्रीसिटी रैगूलेटरी कमीशन की मंज़ूरी का इंतिज़ार है ।
इस सिलसिला में कमीशन ने दूसरे मरहला की इंकुआयरी का आग़ाज़ करदिया है और समाज के मुख़्तलिफ़ तबक़ात से एतराज़ात और तजावीज़ तलब किए हैं। कमीशन को पहले ही इज़ाफ़ीफ़्यूल सर चार्च एजस्टमेन्ट पर अवाम की शदीद मुख़ालिफ़त का सामना करना पड़ा है ।वाज़िह है कि इलेक्ट्रीसिटी रैगूलेटरी कमीशन ने 2009 – 10 में सारिफ़ीन से 1400 करोड़ रुपय फ़्यूल सर चार्च अडजसटमनट के नाम पर वसूल करने की इजाज़त देदी थी ।
अवाम पर माह जुलाई के बर्क़ी बिल में ये इज़ाफ़ी रक़म आइद करदी गई थी । ताहम अब चार डिस्कॉमस की जानिब से एक बार फिर बर्क़ी सारिफ़ीन पर 8000 करोड़ रुपय का बोझआइद करने की तजवीज़ पेश की गई है । ये रक़म दो साल केलिए फ़्यूल सर चार्च एजस्टमेन्ट के नाम पर हासिल करने की तजवीज़ है । ये रक़म साल 2010 – 11 और 2011 – 12 केलिए होसकती है । इलेक्ट्रीसिटी रैग्यूलेटरी कमीशन ने हालाँकि ये इज़ाफ़ी बोझआइद करने की इजाज़त तो दे दी है लेकिन ओपन इंकुआयरी का भी आग़ाज़ करदिया है और अवाम से उन की तजावीज़ और एतराज़ात भी दाख़िल करने को कहा है ।
ये ओपन इजलास पहले 16 जुलाई को मुनाक़िद हुआ था और दूसरा इजलास आज 31 जुलाई को मुनाक़िद हुआ । आज के इजलास में सनअतों के वुकला और दीगर तबक़ात के नुमाइंदों ने शिरकत की और उन्हों ने सर चार्च आइद किए जाने की शदीद मुख़ालिफ़त की । इजलास में शरीक अफ़राद ने ये जानना चाहा कि किस तरह के अख़राजात आइद हुए हैं इस की तफ़सीलात बताई जाएं । उन्हों ने कहा कि जो इज़ाफ़ी रक़ूमात हासिल की जा रही हैं इस अमल में कोई शफ़्फ़ाफ़ियत नहीं है ।
उन्हों ने इलेक्ट्रीसिटी रैग्यूलेटरी कमीशन से ख़ाहिश की कि अख़राजात की तफ़सीलात से उन्हें वाक़िफ़ करवाया जाय । कमीशन की जानिब से अवामी एतराज़ात और तजावीज़ की समाअत और उन का जायज़ा लेने के बाद ही आइन्दा 20 ता एक महीने के वक़्त में क़तई फ़ैसला किया जाएगा।
अगर ताज़ा तरीन तजवीज़ को क़बूल करलिया जाय तो आम आदमी से मज़ीद 8000 करोड़ रुपय ईंठ लिए जाऐंगे जो पहले ही भारी बर्क़ी शरहों की वजह से परेशान है और फिर अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में मुसलसल इज़ाफ़ा की वजह से आम आदमी पर बोझ आइद हो रहा है । 1400 करोड़ रुपय का बोझ आइद हो चुका है और मज़ीद बोझ आइद करने का मंसूबा बनाया जा चुका है ।