आसमान की बुलंदीयों में परवाज़ का ख़ाब शर्मिंदा ताबीर

सदी पेट।१३सितंबर ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) अंजुमन महबान उर्दू के ज़ेर-ए-एहतिमाम गर्वनमैंट गर्लज़ जूनीयर कॉलिज आडीटोरीयम में ज़ेर-ए-सदारत सय्यद मिस्कीन अहमदबानी अंजुमन मस सिल्वा फ़ातिमा ( पायलट) का तहनीती जलसा मुनाक़िद हुआ बहैसीयत मेहमान ख़ुसूसी नागा मनी प्रिंसिपल अबदुलक़ादिर सदर मिल्लत-ए-इस्लामीया ज़मींदार ग़ौसमुही उद्दीन ने शिरकत की । कॉलिज तालिबा मस आईशा ने जलसा की कार्रवाई चलाई ।

इस मौक़ा पर अबदुलक़ादिर ने मुख़ातब करते हुए सिल्वा फ़ातिमा के अज़म-ओ-हौसले केइलावा उन के वालदैन की जानिब से मुकम्मल तआवुन और इजाज़त देने पर ख़ुशनुदी काइज़हार किया और कहा कि मुस्लमानों में तालीम हासिल करने के इलावा मुख़्तलिफ़ शोबा जात में शमूलीयत बेहतरीन इन्क़िलाबी तबदीली क़रार दिया और ऐलान किया कि मिल्लत-ए-इस्लामीया की जानिब से इंटरमीडीयेट की तबदील शूदा निसाबी कुतुब की फ़राहमी केइलावा कोचिंग सैंटर क़ायम किया जाएगा ।

सदर जलसा सय्यद मिस्कीन अहमद नेरोज़नामा सियासत से अपनी तवील वाबस्तगी याद दिलाते हुए इदारा की जानिब से किए जाने वाले मुख़्तलिफ़ फ़लाही कामों का तफ़सीली ज़िक्र किया और कहा कि ये अख़बार सिर्फ़अख़बार नहीं है बल्कि बे सर वसामान अफ़राद बतौर ख़ास ग़रीब मगर ज़हीन तलबा-ए-ओ- तालिबात केलिए ऐसा मर्कज़ है जहां से सिर्फ और सिर्फ तआवुन ही हासिल होता है । उन्हों ने कहा कि जब तक ऐडीटर सियासत ज़ाहिद अली ख़ानसाहब जैसे मिल्लत के हमदरदहमारे दरमयान हैं ग़रीब तलबा-ए-को तालीमी मदद हासिल रहेगी और मआशी तंगदस्तीरुकावट नहीं बनेगी ।

ख़ुद सिल्वा फ़ातिमा का पायलट बनना उसकी ज़िंदा मिसाल है जो एक ग़रीब घराने से ताल्लुक़ रखती हैं जिन के वालिद बेकरी में काम करते हैं ।सिल्वाफ़ातिमा ने भी मुख़ातब करते हुए रोज़नामा सियासत और ज़ाहिद अली ख़ानसाहब के एहसानात और हिम्मतअफ़्ज़ाई का तफ़सीली ज़िक्र किया और जलसा में मौजूद तालिबात से कहा कि ख़ूब मेहनत से बुलंद मुक़ाम हासिल किया जा सकता है । ज़िंदगी के हर शोबा मेंख़वातीन को आगे आना चाहीए ।

उन्हों ने अंजुमन महबान उर्दू के बानी सय्यद मिस्कीनअहमद और मुहम्मद अबदुलक़ादिर सदर मिल्लत-ए-इस्लामीया से इज़हार-ए-तशक्कुर किया कि इन का इतना शानदार जलसा मुनाक़िद किया और उन की इज़्ज़त अफ़्ज़ाई की ।जलसा को ग़ौस मुही उद्दीन नागा मनी प्रिंसिपल मुहम्मद शहीद ख़ान ने भी मुख़ातब क्या । इस मौक़ा पर सिल्वा फ़ातिमा की अंजुमन के बिशमोल मिल्लत-ए-इस्लामीया मुख़्तलिफ़तंज़ीमों की जानिब से शाल पोशी-ओ-गलपोशी की गई ।

मुस्तहिक़ तालिबात को अंजुमन की जानिब से नोट बक्स सिल्वा फ़ातिमा के हाथों तक़सीम किए गए । सय्यद मिस्कीनअहमद ग़ौस मुही उद्दीन ने जूनीयर कॉलिज को एक एक आहनी अलमारी का तोहफ़ा दिया । अबदुलक़ादिर ने भी एक अलमारी देने का ऐलान किया । जलसा-ए-गाह में तालिबात महबान उर्दू की कसीर तादाद शरीक थी ।

जब सिल्वा फ़ातिमा और मिस्कीन अहमद ने ज़ाहिद अली ख़ान साहब की ख़िदमात को ख़िराज-ए-तहिसीन पेश किया सारा हाल तालियों से गूंज उठा । मुहम्मद फ़सीह उद्दीन आलम ख़ान लकचरर शहनाज़ उर्दू पण्डित ने इंतिज़ामात में सरगर्म हिस्सा लिया । मिस्कीन अहमद की जानिब से सिल्वा फ़ातिमा के वालिद शाकिरहुसैन की भी गुलपोशी की गई ।

कॉलिज तालिबा ाईशा ने बेहतरीन निज़ामत की और बेहतरीन अशआर से महफ़िल को चार चांद लगा दिए । शहीद ख़ान के शुक्रिया पर जलसा का इख़तताम अमल में आया ।