आसाम में पायदार अमन के लिए बोडो अवाम को ग़ैर मुसल्लह किया जाए

हैदराबाद ।०३ अक्टूबर :आसाम में पायदार अमन के क़ियाम केलिए मुसल्लह बोडोॶं , बोडो लिबरेशन टाईगर्स वग़ैरा को ग़ैर मुसल्लह किया जाय और घर घर तलाशी लेकर आतिशीं असलाह ज़बत किए जाएं । बोडोलैंड एरिया कौंसल जो बिलकुल्लिया ग़ैर जमहूरी तरीक़ा पर बनी है इस को तहलील करदिया जाय । इस में 27 फ़ीसद बोडो अवाम को 80 फ़ीसद और 73 फ़ीसद ग़ैर बोर्ड अवाम को 20 फ़ीसद नुमाइंदगी दी गई है ।

ये इंसाफ़ और जमहूरीयत का मज़ाक़ नहीं तो और किया है और इस के बाद जमहूरी उसूलों पर तमाम तबक़ात को तक़रीबन मुतनासिब नुमाइंदगी देते हुए नई कौंसल की तशकील अमल में लाई जाय । कल हिंद मजलिस तामीर मिल्लत ने आसाम के मसला पर हकूमत-ए-हिन्द और हुकूमत आसाम से ये मुतालिबात किए हैं ।

मजलिस तामीर मिल्लत की मजलिस-ए-आमला का इजलास सदर जनाब मुहम्मद अबदुर्रहीम क़ुरैशी की सदारत में मुनाक़िद हुआ । नायब मोतमिद उमूमी डाक्टर मतीन उद्दीन कादरी ने तामीर मिल्लत के वफ़द के दौरा आसाम और रीलीफ़ की तक़सीम और मौजूदा हालात की रिपोर्ट पेश की जिस पर ग़ौर-ओ-फ़िक्र के बाद मर्कज़ और आसाम दोनों हुकूमतों से मुतालिबात का फ़ैसला किया गया । ये भी मुतालिबा किया गया कि हालात के एतिदाल पर आने , कैम्पों में पनाहगीर अपने मुक़ामात पर वापिस जाने और बोडो एरिया कौंसल की नई तशकील तक चारों अज़ला फ़ौज के कंट्रोल में रखे जाएं क्यों कि मुक़ामी पुलिस ने ग़ैर जांबदारी से काम अंजाम नहीं दिया है ।

ये भी मुतालिबा किया गया कि कैम्पों में पनाह लिए चार लाख से ज़ाइद मुस्लमानों और संथालियों , आदि वासियों-ओ-दीगर को उन के मुक़ामात पर पहुंचा कर वहां बसने की सहूलतें फ़राहम की जाएं और वापिस अपने मुक़ाम पर पहुंचाने के लिए उन की हिंदूस्तानी क़ौमीयत की चैकिंग की कोई शर्त लगाई ना जाय । अपने मुक़ामात पर बस जाने के बाद ये चैकिंग आसान होगी और की जा सकती है ।

कल हिंद मजलिस तामीर मिल्लत की मजलिस-ए-आमला के इजलास में चीफ़ मिनिस्टर आसाम तरूण गोगोई के इस प्रोग्राम पर सख़्त तन्क़ीद की गई कि वापिस पहूँचाने का काम मरहला वार होगा पहले उन को उन के गावं पहुंचाया जाएगा जिन के पास ज़मीन के पट्टे के काग़ज़ात होंगे और इस के बाद जिस के पास राशन कार्ड होंगे और फिर उन के बाद उन को जिन के नाम 1921 की मर्दुमशुमारी में हैं । क्या जलते हुए मकानात और लुटते हुई बस्ती से भाग कर कई मील दूर पनाह लेने वाले ये काग़ज़ात अपने साथ रखेंगे । हुकूमत आसाम के इस रवैय्या पर मातम करने को जी चाहता है । हुकूमत के मुक़ामी , ज़िलई और रियास्ती दफ़ातिर में ये सब रिकार्ड मिल सकता है ।

पहले कैंपस पनाहगीर लोगों को वापिस पहुंचाए और फिर अपने रिकार्ड की बुनियाद पर चैकिंग करे । इस चैकिंग में एक भी मुस्लमान बंगला देशी नहीं मिलेगा । उस की बड़े पैमाना पर तशहीर करे । कल हिंद मजलिस तामीर मिल्लत की मजलिस-ए-आमला ने ये भी मुतालिबा किया है कि जिन के मकानात जल गए हैं या पूरी तरह बर्बाद करदिए गए हैं उन की तामीर हुकूमत फ़ौरी करवाए और फ़ौरी मज़लूमों को हवाले करे ।

मजलिस तामीर मिल्लत बाअज़ इलाक़ों में उजड़े हुए मुस्लमानों के लिए मकानात बनाने का फ़ैसला किया है और इस के लिए अह्ले ख़ैर अस्हाब से फ़राख़दिलाना तआवुन की अपील की है