हैदराबाद । 12सितंबर : ( सियासत न्यूज़ ) : इंजीनीयरिंग टैक्नालोजी के यू जी सतह के कोर्सेस बी ई , बीटेक में रियासत भर में इस वक़्त 32 ब्रांचस हैं और किसी भी कॉलिज में तीन चार , पाँच , सात तक ब्रांचस होते हैं । हर जगह अलग अलग ब्रांचस की वजह तलबा-ए-सरपरस्तों को उन से वाक़फ़ीयत लाज़िमी है । फिर वैब कौंसलिंग के तवीलमरहला वारी तरीका-ए-कार के बाद कॉलिजस कोर्स के इंतिख़ाब के लिए मुज़्तरिब हैं ।
इस ज़िमन में इदारा सियासत के इश्तिराक से मुग़ल कॉलिज आफ़ टैक्नालोजी ऐंड टैक्नालोजी बन्डुला गौड़ा हैदराबाद में एक कौंसलिंग गाईड नस प्रोग्राम रखा गया है इस मौक़ा पर जनाब मुहम्मद ज़की प्रिंसिपल कॉलिज ने कहा कि पहले इंजीनीयरिंग कॉलिजस की तादाद कम थी और सिर्फ बी ई कोर्स था साल 1994 में जवाहर लाल नहरू टकनालोजीकल यूनीवर्सिटी के क़ियाम के बाद बेशुमार इंजीनीयरिंग कॉलिजस का क़ियाम अमल में आया और बीटेक डिग्री दी जा रही है ।
अब दाख़िले के लिए भी ऐंटरैंस इमतिहानात के बाद रैंक लाकर तलबा-ए-सरपरस्त कोर्स और कॉलिज का सही इंतिख़ाब करें । आज पैट्रोलीयम और कैमीकल इंजीनीयरिंग जैसे नए ब्रांचस आचुके हैं तामीराती के लिए सियोल इंजीनीयरिंग की मांग में फिर इज़ाफ़ा हुआ है । मीकानीकल इंजीनीयरिंग सदाबहार ब्रांच है । उन्हों ने अपने जे एन टी यू से वाबस्तगी के हवाले से बताया कि दाख़िले के लिए कॉलिज कोड के साथ ब्रांच कोड को देखें तमाम ब्रांचस एक कॉलिज में नहीं होते । एक कॉलिज में भी एक से ज़ाइद ब्रांचस को तर्जीह दी जा सकती है ।
मीनारीटी कॉलिजस की अलहदा SWIIकौंसलिंग के बारे में कहा कि जो कॉलिजस अलहदा दाख़िले देते हैं वो मुस्लिम मीनारीटी कॉलिजस इस कौंसलिंग में शामिल होते हैं इस मौक़ा पर कैरियर कौंसिलर एम ए हमीद ने कौंसलिंग के तरीक़ा कार को तफ़सीली तौर पर पेश करते हुए वैब ऑपशन के बाद तलबा-ए-और सरपरस्त जो दाख़िले के लिए मुंतज़िर हैं उन्हें मश्वरा दिया कि वो कॉलिजस में जहां दाख़िले का अलाटमैंट होगा वहां रिपोर्ट करें और अगर कॉलिजस से मुतमइन ना हो तो दूसरी कौंसलिंग में शरीक हूँ और अगर कोई वैब कौंसलिंग में शरीक ही ना हुए हैं तो वो भी दूसरी कौंसलिंग में शिरकत कर सकते हैं ।
ये दाख़िले का आग़ाज़ है । और साथ अब एमसीट SWII कौंसलिंग का भी ऐलान आया इस में ऐसे कॉलिजस शामिल होते हैं जो कन्वीनर की जनरल कौंसलिंग में नहीं होते वो अलहदा कौंसलिंग में होते हैं । इन से वाक़िफ़ करवाया गया । मुमताज़ कॉरपोरेट ट्रेनी ( सियासत ) मिस्टर हुस्न उद्दीन अनस ने इस मौक़ा पर अंग्रेज़ी ज़बान की एहमीयत इफ़ादीयत पर तफ़सीली रोशनी डालते हुए कहा कि आज का मसह बिकती दौर में सिर्फ काबुल और ज़हीन अफ़राद के मांग है और वो तरक़्क़ी की मंज़िलें तै कर सकते हैं ।
उन्हों ने अंग्रेज़ी बैन-उल-अक़वामी ज़बान के लब-ओ-लहजा को बड़े सहल अंदाज़ में पेश किया । जनाब अब्दुह लतीफ़ उत्तीर ने इंजीनीयरिंग के मुख़्तलिफ़ शोबा जात बिलख़सूस मैडीसन इंजीनीयरिंग और पैट्रोलीयम पर तफ़सीलात बताई । जनाब ताहिर फ़राज़ ने कौंसलिंग की तफ़सीलात पेश की ।
डाक्टर ज़िया ने तलबा-ए-की ज़िम्मेदारीयों पर इज़हार-ए-ख़्याल क्या । इस मौक़ा पर मेहमानान का मोमनटोज़ और गुलदस्तों से इस्तिक़बालकिया गया । जनाब तौसीफ रज़ा ने ख़ैर मुक़द्दम किया । मस शीमा ने बड़ी उम्दगी सेनिज़ामत के फ़राइज़ अंजाम दीए । आख़िर में शीमा ने शुक्रिया अदा क्या । इस मौक़ा पर तलबा-ए-तालिबात के सवालात के जवाबात माहिरीन के पिया नल ने दिया ।।