हैदराबाद २१जनवरी: इबादतगाहों के तक़द्दुस की बरक़रारी तमाम शहरियों की बला इमतियाज़ मज़हबी वाबस्तगी ऐन फ़र्ज़-ओ-ज़िम्मेदारी है। इबादतगाहों के तक़द्दुस की पामाली-ओ-इबादतगाहों को नुक़्सान पहुंचाना या इबादतगाहों को फ़ित्ना-ओ-फ़साद के मराकज़ बनाने की ना कोई मज़हब इजाज़त देता है और ना मुलक का क़ानून। अल्हाज मुहम्मद उसमान शहीद ऐडवोकेट सदर ऑल इंडिया मुस्लिम फ्रंट ने इन ख़्यालात का इज़हार फ्रंट की माहाना मीटिंग के मौक़ा पर सदारती तक़रीर में किया ।
उन्हों ने गुज़शता जुमा शहरयान हैदराबाद बिलख़सूस मुस्लिम नौजवानों की जानिब से बाद अदाई नमाज़ जुमा सब्र-ओ-तहम्मूल का मुज़ाहरा करते हुए वापिस होते हुए शरपसंद अनासिर की शर अंगेज़ियों को नाकाम बनाने पर इतमीनान का इज़हार करते हुए मुस्लमानों के इस इक़दाम की सताइश की।
जनाब मुहम्मद उसमान शहीद ऐडवोकेट ने मिल्लत-ए-इस्लामीया के नौजवानों से इस तवक़्क़ो का इज़हार किया कि वो इन ना मुसाइद हालात में जबकि फ़िर्कापरस्ती का ज़हर फैलाने के लिए सिंह परिवार वरसी क़बील की दीगर तंज़ीमें सरगर्म अमल हैं संजीदगी-ओ-मितानत के साथ दस्तूरी ज़मानतों-ओ-क़ानून का सहारा लेते हुए इन का मुक़ाबला करें बजाय इस के कि क़ानून को हाथ में लें।
आख़िर में ऐडवोकेट मौसूफ़ ने समाज के ख़ुशहाल अफ़राद से ख़ाहिश की कि वो अपने अपने मुहल्ला जात में अवामी शऊर की बेदारी और ग़रीब-ओ-कमज़ोर ज़रूरतमंद अफ़राद के मसाइल से वाक़फ़ीयत हासिल करते हुए हत्तलमक़दूर उन की मदद करें। जनाब ग़ुलाम मुहम्मद जनरल सैक्रेटरी के शुक्रिया पर इजलास इख़तताम(अंजाम) को पहुंचा।