हैदराबाद ०३। अक्टूबर : ( रास्त ) : इलम नाफ़े हासिल करना , इस पर अमल करना , ना सिर्फ दुनयवी ज़िंदगी की बेहतरी के लिए ज़रूरी है बल्कि आख़िरत को संवारने का एक बेहतरीन ज़रीया है । खासतौर पर दीनी तालीम का हुसूल आज के इस पर आशूब दौर में बहुत ज़रूरी है ।
वालदैन और सरपरस्तों को चाहीए कि ना सिर्फ वो ख़ुद इलम-ए-दीन के ज़रूरी नकात से वाक़िफ़ हूँ बल्कि अपनी औलाद को इस जानिब ज़रूर मुतवज्जा करें । जहां इलम-ए-दीन की रोशनी होगी वहां दीन-ओ-दुनिया में बेहतरी होगी । हाफ़िज़-ओ-क़ारी मुहम्मद अबदुल्लाह क़ुरैशी इलाज़ हरी ख़तीब मक्का मस्जिद ने मद रस्ता अलतक़वा मुस्तइद पूरा का इफ़्तिताह करते हुए अपने ख़िताब में इन ख़्यालात का इज़हार किया ।
इबतदा-ए-में डाक्टर बहा उद्दीन बानी-ओ-मुहतमिम मुदर्रिसा-ओ-ख़तीब मस्जिद मुलक दाना मुस्तइद पूरा कारवाँ ने इफ़्तिताही कलिमात और मुदर्रिसा के अग़राज़-ओ-मक़ासिद से वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि मुदर्रिसा में 5 साल के दौरान मुख़्तलिफ़ ज़बानों के तराजुम के साथ क़ुरआन मजीद हिफ़्ज़ करवाया जाएगा ।
इस के इलावा ज़रूरी एतबार से अंग्रेज़ी , तलगो , हिसाब की तालीम के साथ लाज़िमी एतबार से अरबी ज़बान पर उबूर-ओ-महारत करवाई जाएगी । अल्लामा अबदुल्लाह क़ुरैशी इलाज़ हरी की क़िरात कलाम पाक से इस इफ़्तिताही जलसा का आग़ाज़ हुआ ।।
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