ओहदेदारों की मुस्तइद्दी ज़रूरी । साबिक़ वज़ीर फ़रीद उद्दीन का बयान

हैदराबाद 05मार्च (सियासत न्यूज़)। रियास्ती हुकूमत बोहरान की सूरत-ए-हाल के बावजूद अक़ल्लीयतों के लिए मुनासिब बजट की तख़सीस को यक़ीनी बना रही है।

साबिक़ रियास्ती वज़ीर जनाब मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने हुकूमत की जानिब से 1,000 करोड़ रुपय अक़ल्लीयती बजट की तख़सीस को मौजूदा हालत में बेहतर क़रार देते हुए कहा कि रियासत में मआशी अबतरी के बावजूद बजट को 4 हिंदुओ में पहुंचाना हुकूमत की कामयाबी है।

जनाब मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने बताया कि ये बात दरुस्त है कि बजट की इजराई में बाअज़ सतह पर कोताही हुई है, लेकिन अगर महिकमा के ज़िम्मेदार मुस्तइद्दी का मुज़ाहरा करें तो मालना मुकम्मल बजट की इजराई को यक़ीनी बनाया जा सकता है।

उन्हों ने कहा कि मुलक में मुस्लमानों की मआशी-ओ-तालीमी हालत इंतिहाई अबतर है। इसी तरह की कुछ हालत रियासत में भी ही। उस की निशानदेही ख़ुद कांग्रेस हुकूमत ने की है।

उन्हों ने कहा कि कांग्रेस अक़ल्लीयतों की तरक़्क़ी को यक़ीनी बनाने के इक़दामात में संजीदगी का मुज़ाहरा कररही ही। साबिक़ वज़ीर ने इस बात का एतराफ़ किया कि 1,000 करोड़ रुपय की रक़म कोई ख़ातिरख़वाह रक़म नहीं ही, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस ने ही अपने इक़तिदार में बजट को पहले 3 हिंदुओ में किया और अब 4 हिंदुऒ में पहुंचा दिया है।

जनाब मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने वज़ीर फ़ीनानस की जानिब से की गई मुतालिबात ज़र में तख़फ़ीफ़ को मामूल की कार्रवाई क़रार देते हुए कहा कि सिर्फ़ अक़ल्लीयती बहबूद के मुतालिबात में तख़फ़ीफ़ नहीं की जाती बल्कि हर महिकमा के बजट को इस अमल से गुज़रना पड़ता है।

रियासत में मुस्लमानों की मआशी हालत को बेहतर बनाने के इक़दामात किए जा रहे हैं। उन्हों ने बताया कि रियासत में मआशी बोहरान के बावजूद किरण कुमार रेड्डी हुकूमत मुस्लमानों की तरक़्क़ी और फ़लाह-ओ-बहबूद के मुताल्लिक़ संजीदा इक़दामात में मसरूफ़ है।

जनाब मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने बताया कि जब उन्हों ने वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद का क़लमदान सँभाला था, उस वक़्त महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद का बजट नाक़ाबिल फ़हम था, लेकिन जब कांग्रेस ने बजट में इज़ाफ़ा का अमल शुरू किया तो एक नई मिसाल पेश की है। उन्हों ने बताया कि इस साल हुकूमत 100 फ़ीसद से ज़्यादा इज़ाफ़ा कर रही है। ज़रूरत पड़ने पर मज़ीद बजट की इजराई यक़ीनी बनाई जाएगी।