हैदराबाद ११जनवरी :सदर एम पी जे हामिद मुहम्मद ख़ां ने कहा कि शहर की मौजूदा सूरत-ए-हाल के पेशे नज़र मुख़्तलिफ़ समाजी तंज़ीमों और सयासी जमातों के क़ाइदीन आपस में भाई चारा की फ़िज़ा के क़ियाम में मसरूफ़-ए-अमल हैं ।
इसी माहौल में स्वामी कमला नाथ भारती हिंदू रखशा समीती के कन्वीनर की इंदिरा पार्क में मुस्लमानों के ख़िलाफ़ ज़हर आलूद और नफ़रत पर मबनी इश्तिआल अंगेज़ तक़रीर की सख़्त मुज़म्मत करते हुए उन्हों ने पुलिस और एन्टुली जिन्स की ख़ामोशी पर अफ़सोस का इज़हार किया और कहा कि इस ख़ामोशी को ना इंसाफ़ी और खुली जांबदारी के सिवा और कोई नाम नहीं दिया जा सकता ।
उन्हों ने कहा कि मुल्क में भाई चारा की फ़िज़ा को बरक़रार रखने के लिए बला लिहाज़ मज़हब-ओ-मिल्लत तमाम क़ाइदीन को अपना क़ाइदाना किरदार निभाना चाहीए ताकि समाज से एक दूसरे के ख़िलाफ़ नफ़रत की फ़िज़ा को ख़त्म किया जा सके । शहर के मौजूदा धमाको हालात में पुलिस और इंतिज़ामीया को चाहिए कि वो स्वामी जी की इश्तिआल अंगेज़ी का सख़्त नोटिस लेते हुए उन के ख़िलाफ़ फ़ोरा क़ानूनी कार्रवाई करे ताकि शहर के नाज़ुक हालात मज़ीद ख़राब ना हूँ ।
फ़िर्कावाराना(मज़हबी) मुनाफ़िरत फैलाने वालों के साथ यकतरफ़ा कार्रवाई करने के बजाय पुलिस का फ़र्ज़ है कि वो क़ानून के मुहाफ़िज़ होने की हैसियत से इंसाफ पसंदी का मुज़ाहरा करें और ख़ातियों को कैफ़र-ए-किर्दार तक पहुंचाएं ।
उन्हों ने कहा कि 2009 के इंतिख़ाबात से पहले एक तक़रीर में श्री अरूण जेटली ने बरसर-ए-आम मुक़द्दस गीता की कसम खा कहा था कि हिंदो की तरफ़ उठने वाला हाथ काट दिया जाये । इस किस्म की ज़हर आलूद तक़रीरें मुलक के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर वक़फ़ा वक़फ़ा से की जाती रही हैं और इंतिज़ामीया ख़ामोश तमाशाई बना रहता है जिस की ज़िंदा मिसाल स्वामी कमला नाथ भारती की दो दिन क़ब्ल की गई तक़रीर भी है ।
आख़िर में उन्हों ने हुकूमत , पुलिस और इंतिज़ामीया से यकतरफ़ा कार्यवाईयों से इजतिनाब(नफरत) करने का मश्वरा दिया और कहा कि शहर की फ़िज़ा को बिगाड़ने वाले ख़ातियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये । दूसरी जानिब उन्हों ने अवाम से अपील की कि हर हाल में सब्र-ओ-तहम्मुल से काम लें ताकि शहर की मौजूदा धमाको सूरत-ए-हाल मुकम्मल तौर पर पुरअमन हो जाएगी ज़िंदगी मामूल पर आजाए ।