क़ुरआन पढ़ने वाला क़लम

ख़िदमत क़ुरआन और टैक्नालोजी का मुफ़ीद इस्तिमाल
क़ुरआन की हफ़ातत के जलवे आज दुनिया के सामने हैं । ज़बर , ज़ेर , पेश के ज़र्राबराबर फ़र्क़ के बगै़र सारी दुनिया में कलाम-उल-ल्लाह का वजूद रसूल अल्लाह ई और इस्लाम की हक़्क़ानियत का सबूत है । मौजूदा दौर में जदीद टैक्नालोजी का ग़लत औरमनफ़ी इस्तिमाल बल्कि इस्लाम मुख़ालिफ़ इस्तिमाल पूरी शिद्दत के साथ होरहा है ।

ऐसे हालात में ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि इस टैक्नालोजी का रुख दरुस्त करें । पेशे नज़रक़ुरआन पढ़ने वाला दिलकश-ओ-ख़ूबसूरत क़लम है । मामूली दिखाई देने वाला ये क़लम अपनी कारकर्दगी में ग़ैरमामूली है । क़ुरआन की ख़िदमत-ओ-इशाअत की ये एक इख़तिराई और मिसाली कोशिश है ।

अपने वक़्त के नामवर आलमी शौहरत-ए-याफ़ता करा-ए-किराम फ़ज़ीलता उल-शेख़ अबदुलबासित अबदुस्समद , उस्ताज़ मनशावी , शारा अलाफ़ासी कीतिलावत इस के सेना में महफ़ूज़ है । अंग्रेज़ी के साथ उर्दू , तलगो , मलयालम , टामल , मराठी और बंगाली ज़बान में तर्जुमा सुना जा सकता है । इस के इलावा सुबह से शाम तक की तमाम दुआएं और अज़कार हैं । तफ़सीर क़ुरआन के मौज़ू पर क़दीम-ओ-मुस्तनद औरमुख़्तसर तफ़सीर जलालीन भी अरबी में मौजूद है ।

जिस से उल्मा किराम को फ़ायदा होगा । इसी तरह पूरे क़ुरआन मजीद को लफ़्ज़ बह लफ़्ज़ सुना और समझा जा सकता है । सहीबुख़ारी को भी छोटी सी किताब की मदद से सुना जा सकता है । 7 अरबी अनाशीद ,बदनज़री से बचने की दुआ और असमा-ए हसनी भी हैं । क़लम के साथ क़ुरआन मजीद का एक नायाब-ओ-उम्दा और बहुत ही दिलकश-ओ-मुज़य्यन नुस्ख़ा भी है । ये क़लम इसक़ुरआन की आप के हसब मंशा-ए-तिलावत करता है ।

छोटे से साइज़ के इस क़लम की कारकर्दगी दमब ख़ुद कर देने वाली है । मतोबा चीज़ सुनने के लिए इस को एक छोटा सा इशारा काफ़ी है जिस के बाद वो अपना काम शुरू करदेता है । तिलावत की रफ़्तार आप अपनी पसंद के मुताबिक़ कम ज़्यादा करसकते हैं । आवाज़ जितनी चाहे बढ़ा और घटा सकते हैं । क़ुरआन पढ़ने वाला ये क़लम उन अफ़राद के लिए एक नेअमत ग़ैर मुतरक़्क़बाहै जो आलमी शौहरत-ए-याफ़ता करा-ए-किराम की आवाज़ में क़ुरआन पढ़ने के शौक़ीन हैं ।

इसी तरह खासतौर पर वो हज़रात जो क़ुरआन मजीद की तिलावत से बिलकुल ना बलद हैं वो रोज़ाना मामूल बनाकर क़ुरआन को सुन कर मुकम्मल करसकते हैं । वो वालदैन जो अपने बच्चों के मासूम ज़हनों में नूर क़ुरआन का बीज बौना चाहते हैं उन के लिए भी बेहतरीन तोहफ़ा है ।

हिफ़्ज़ क़ुरआन के ख़ाहिश मंदों और दीनी मदारिस के तलबा के लिए भी बड़ी काम की चीज़ है । मआनी-ओ-मुतालिब के एतबार से हर मुस्लमान के लिए मुफ़ीदऔर इस्तिमाल के आसानी के लिहाज़ से एक काबिल क़लम है । तिजारती ग्रुप हिमालया बिक वर्ल्ड ने आंधरा प्रदेश में इस क़लम को मुतआरिफ़ किराया है और वसीअ पैमाना परअवाम के सामने पेश किया है ।

हिमालया बुक वर्ल्ड की तमाम ब्रांचस पर ये क़लम दस्तयाब है । अल्लाह , क़लम के मौजदीन-ओ-नाशिरीन को जज़ाए ख़ैर दे । आमीन ।