गांधी जयंती के मौक़ा पर तेलंगाना हामीयों का मुंह पर पट्टियां बांध कर एहतिजाज

हैदराबाद ।०३अक्टूबर : ( सियासत न्यूज़ )। गांधी जयंती के मौक़ा पर तलंगाना जवाइंट ऐक्शण कमेटी के हमराह तलंगाना हामी दीगर तंज़ीमों की जानिब से बापू घाट लंगर हौज़ में मुंह पर काली पट्टियां बांधकर एहितजाजी मुज़ाहरा कियागया।इन्क़िलाबी ग्लूका रग़दर ने इस मौक़ा पर गांधी जी को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए कहाकि पिछले साठ बरसों से तलंगाना तहरीक बिना किसी तशद्दुद के जारी है ।

इसके बावजूद हुकूमत और पुलिस का ये दावा तलंगाना तहरीक में ग़ैर समाजी अनासिर मौजूद हैं एक मज़हकाख़ेज़ बात है । उन्होंने कहाकि अगर तहरीक में नक्सलाइट या ग़ैर समाजी अनासिर शामिल होते तो सैंकड़ों की तादाद में तलंगाना के नौजवान अपना हक़ हासिल करने केलिए अपनी क़ीमती जान नहीं देते । ग़दर ने कहाकि चलो हैदराबाद मार्च के दौरान पेश आए वाक़ियात की तमाम तर्ज़ुमा दारी रियास्ती इंतिज़ामीया पर आइद होती है जिस ने तलंगाना हामीयों को मार्च के मुक़ाम तक पहुंचने में रुकावटें पैदा की।ग़दर ने कहाकि पुरअमन एहतिजाज मुनज़्ज़म करने की इजाज़त के बावजूद पुलिस ने पूरे ख़ित्ता में तलंगाना हामीव निको मार्च में शामिल होने से रोकने ना सिर्फ रुकावटें पैदा की बल्कि लाखों की तादाद में तलंगाना हामीयों को गिरफ़्तार भी कर लिया था ।

उन्हों ने कहाकि हुकूमत एक जानिब पुरअमन एहतिजाज मुनज़्ज़म करने की अपील करती है तो दूसरी जानिब से पुरअमन एहतिजाज को परतशद्दुद बनाने केलिए आँसू गैस के शीलस रबर की गोलीयों और वाटर कीननसका इस्तिमाल भी करती है । ग़दर ने चलो हैदराबाद मार्च के दौरान पेश आए वाक़ियात का मर्कज़ी और रियास्ती हुकूमतों के बिशमोल पुलिस इंतिज़ामीया को ज़िम्मेदार टहराया ।

उन्हों ने तलंगाना हामीयों पर दायर करदा मुक़द्दमात की भी मुज़म्मत करते हुए कहा कि मुक़द्दमात के ज़रीया हुकूमत तलंगाना हामीव नके हौसलों को पस्त नहीं करसकती । उन्हों ने तलंगाना हामीयों पर दायर करदा मुक़द्दमात से ग़ैर मशरूत दसतबरदारी इख़तियार करने का हुकूमत से मुतालिबा किया ।

ग़दर ने कहा कि ते लंगाना ज्वाइंट ऐक्शन‌ कमेटी गानधयाई तरीका-ए-कार अपनाते हुए अलैहदा तलंगाना की तशकील का मर्कज़ी हुकूमत से मुतालिबा कररही है । उन्हों ने जय ए सी के ज़ेर-ए-एहतिमाम तलंगाना हामीयों के साथ पुलिस ज़्यादतियों के ख़िलाफ़ मुनाक़िद एक रोज़ा भूक हड़ताल की ताईद का ऐलान करते हुए कहाकि मुस्तक़बिल में मुनाक़िद किए जाने वाले मरण बरत और दीगर एहितजाजी प्रोग्रामों मेंभी वो बराबर के शरीक रहेंगी।