रियाज़( सऊदी अरब )०७नवंबर, (ज़रीया फ़ियाकिस्) तंज़ीम (संस्था) हम हिंदूस्तानी ने उर्दू शारा-ए-की नौजवान नसल से ताल्लुक़ रखने वाले मुमताज़ शायर अश्हर नदीमी के अचानक इंतिक़ाल कर जाने पर अपने गहरे रंज-ओग़म (कष्ट)का इज़हार किया ही। जनाब मुहम्मद क़ैसर सदर तंज़ीम (संस्था) ने मरहूम को ख़िराज-ए-अक़ीदत अदा करते हुए कहा कि वो अपनी शेअरी तख़लीक़ात के ज़रीया अदबी मैदान में अपनी मुनफ़रद शनाख़्त(पहचान) बना रहे थी।
इन का कलाम मुल्क के मुख़्तलिफ़ (विभिन्न)अदबी जराइद(समाचारपत्र) और अख़बारों में शाय होता रहा है। वो मुंबई से शाय होने वाले अख़बार उर्दू टाईम्स से वाबस्ता थी, मुंबई में गुज़श्ता रात हरकत क़लब बंद हो जाने से अचानक इंतिक़ाल कर गई।
मरहूम का अव्वलीन मजमूआ कलाम तबाअत के आख़िरी मराहिल में है। तंज़ीम हम हिंदूस्तानी के ज़ेर-ए-एहतिमाम शाय होने वाले इस मजमूआ कलाम की रस्म इजरा अनक़रीब होने वाली है ( जो प्रोग्राम के मुताबिक़ ही होगी ) सदर तंज़ीम(संस्था) हम हिंदूस्तानी मुहम्मद क़ैसर ने मज़ीद बताया कि मरहूम की गिरांक़द्र अदबी ख़िदमात क़ाबिल-ए-तहसीन हैं।
तंज़ीम (संस्था)के तमाम ओहदेदारान ने भी अश्हर नदीमी को ख़िराज-ए-अक़ीदत अदा किया और पसमानदगान से इज़हार ताज़ियत किया और मग़फ़िरत(मुक्ति) की दा-ए-की।