हैदराबाद ।०६ सितंबर : अदीब शायर-ओ-सहाफ़ी जनाब तक़ी अस्करी वला की बारहवीं तसनीफ़ नुक़ूश रफ़्ता ज़ेवर तबा से आरास्ता हो चुकी है ।
नुक़ूश रफ़्ता में नवाब अस्कर नवाज़ जंग बहादुर मुहम्मद पाशाह , नवाब काज़िम नवाब जंग बहादुर अली पाशाह , नवाब तहव्वुर जंग बहादुर , नवाब उसमान जंग बहादुर , नवाब सय्यद मुहम्मदरज़ा हुसैन , मौलाना सय्यद मुहम्मद अली नजफ़ी , मौलाना सय्यद अली नक़ी नजफ़ी , मौलाना सय्यद ज़ीन इला बदीन नजफ़ी , मौलाना सय्यद असग़र हुस्न नजफ़ी , मौलाना सय्यद मुहम्मद सादिक़ नजफ़ी , अल्लामा रशीद तुराबी , अल्लामा अब्बास रिज़वी ,अल्लामा अख़तर ज़ैदी , हज़रत इलमी आफ़ंदी , हज़रत सईद शहीदी , हज़रत मीर हिमायतअली ( मर्सिया ख़्वाँ ) , हज़रत सय्यद आबिद हुसैन ( सोज़ ख़वान शाही ) , आक़ाई जाफ़रमशहदी , आग़ा अब्बासी , जनाब मीर अहमद अली , मौलवी सय्यद अलताफ़ हुसैन जाफरी , जनाब सय्यद ज़ामिन हुसैन रिज़वी , और जनाब मीर हसन अली ज़व्वार की हयात और कारनामों का कामिल मुरक़्क़ा नहीं बल्कि इजमाली तज़किरे महफ़ूज़ किए गए हैं जो हैदराबादी तहज़ीब याफ़ता शीया क़ौम का क़ीमती विरसा है ।
नवाब सय्यद मुहम्मद हामिद हुसैन ने नुक़ूश रफ़्ता का एक जामि और मबसूत मुक़द्दमा तहरीर किया है इस किताब की अनक़रीब रस्म रूनुमाई अंजाम दी जाएगी