हैदराबाद ।२० जुलाई : ( सियासत न्यूज़ ) : तलबा तहज़ीब-ओ-तमद्दुन के मुहाफ़िज़ बनें और ज़िंदगीयों में नज़म-ओ-ज़बत पैदा करते हुए मुल्क-ओ-समाज की तामीर में अपना कलीदी किरदार अदा करें । स्पीकर असम्बली मिस्टर एन मनोहर ने आज सुलतान उल-उलूम एजूकेशन सोसाइटी के तहत चलाए जाने वाले मुफ़ख़्ख़म जाह कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग की ग्रैजूएशन डे तक़रीब से ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया ।
इस तक़रीब की सदारत जनाब ख़ान लतीफ़ मुहम्मद ख़ां सदर नशीन सोसाइटी ने की । इस मौक़ा पर जनाब ज़फ़र जावेद कन्वीनर के इलावा दीगर अरकान मौजूद थे । मिस्टर एन मनोहर ने इंजीनीयरिंग में कामयाबी हासिल करने वाले तलबा से ख़िताब के दौरान कहा कि हमें आला तालीम के साथ साथ आली इक़दार भी पैदा करने की ज़रूरत है ताकि हम अख़लाक़ीयात का मुज़ाहरा कर सकें । उन्हों ने तलबा को मश्वरा दिया कि वो अपने बेहतरीन मुस्तक़बिल के साथ साथ समाज की तामीर पर भी तवज्जा मर्कूज़ करें ।
तलबा इस बात को मद्द-ए-नज़र रखें कि आज भी 75 फ़ीसद हिंदूस्तान देही आबादी पर मुश्तमिल उन के दरमयान पहुंच कर काम करने की ज़रूरत है । उन्हों ने बताया कि सिर्फ तर्ज़-ए-ज़िदंगी या मआशी तर्तीब में तब्दीली से हालात नहीं बदलते बल्कि इस के लिए मुआशरे में तबदीली आना नागुज़ीर है । मिस्टर यन मनोहर ने बताया कि तलबा अपनी सलाहीयतों को मनवाएं ताकि वो समाज में बेहतर मुक़ाम हासिल कर सकें ।
उन्हों ने मुफ़ख़्ख़म जाह कॉलिज आफ़ इंजीनीयरिंग के फ़ारग़ीन को मश्वरा दिया कि वो अपने अपने शोबा जात में तरक़्क़ी करते हुए इदारे के वक़ार में इज़ाफ़ा का सबब बनें । उन्हों ने मुल्क-ओ-मुआशरे को फ़रामोश ना करने की बारहा तलक़ीन करते हुए कहा कि इन डिग्रियों के साथ भी वो समाज की ख़िदमत अंजाम दे सकते हैं । आप अपने तौर पर ग़ौर करें कि आप क्या करसकते हैं । इस मौक़ा पर ऐडीटर इनचीफ़ रोज़नामा मुंसिफ़ जनाब ख़ान लतीफ़ मुहम्मद ख़ां ने तलबा को हलफ़ दिलवाया ।
उन्हों ने तलबा को इंसानियत की ख़िदमत , समाज की तरक़्क़ी , अपने शोबा में बेहतर ख़िदमात , फ़र्ज़शनासी और अवाम की ख़िदमत का अह्द करवाते हुए इस का पाबंद रहने की तलक़ीन की । जनाब ख़ान लतीफ़ मुहम्मद ख़ां ने तलबा को मश्वरा दिया कि वो समाज की तरक़्क़ी के तईं जज़बा रखें ताकि मुआशरे को ज़रूरत पड़ने पर मुफ़ख़्ख़म जाह के फ़ारग़ीन मौजूद रहें । क़ब्ल अज़ीं जनाब ज़फ़र जावेद ने तलबा की फ़हरिस्त सदर नशीन इजलास को पेश की ।
इस तक़रीब का आग़ाज़ जनाब अब्दुल रउफ की क़िरात कलाम पाक से हुआ । तक़रीब में जनाब मुहम्मद जाफ़र , नवाब मीर अकबर अली ख़ां , जनाब निसार अहमद , डाक्टर वली अल्लाह , डाक्टर ज़िया , मिस्टर आमिर जावेद , प्रोफ़ैसर बशीर अहमद , प्रोफ़ैसर इशफ़ाक़ जाफरी के इलावा दीगर मौजूद थे ।
जनाब ख़्वाजा आसिफ़ अहमद ने तक़रीब के आग़ाज़ पर मेहमानों का ख़ैर मुक़द्दम किया और ख़ैर मुक़द्दमी ख़िताब के दौरान मुफ़ख़्ख़म जाह कॉलिज की तारीख़ से वाक़िफ़ करवाया । जनाब मुहम्मद आरिफ़ उद्दीन सुहेल ने इख़तताम पर इज़हार-ए-तशक्कुर किया ।।