तीवनस के माज़ूल सदर को 35 साल की क़ैद और 65 मुलैय्यन डालर का जुर्माना

हीर ड्रेसर बीवी पर जुर्मानामुझे सयासी साज़िश का शिकार बनाया गया बिन अली का रद्द-ए-अमल, अदालती फ़ैसला पर अवाम में ख़ुशी की लहर
तीवनस । 21 जून (राइटर्स) तीवनस की एक अदालत ने साबिक़ सदर ज़ीन इला बदीन बिन अली को इक़तिदार से माज़ूली के बाद उन के ग़ियाब में 35 साल की सज़ाए क़ैद दी ही। मिसिज़ ज़ीन इला बदीन 6 माह क़बल वसीअ तर अवामी एहतिजाज के आगे इक़तिदार से सबकदोश होते हुए मुल्क से फ़रार होगए थी, जिस के बाद अरब इलाक़ा में डिक्टेटरों के ख़िलाफ़ अवामी एहतिजाज का सिलसिला शुरू हुआ ही। माज़ूल सदर फ़िलहाल सऊदी अरब में मुक़ीम हैं, जिन्हें उन के मुल़्क की अदालत ने मुक़द्दमा की सिर्फ एक दिन समाअत के बाद सरका और गै़रक़ानूनी तौर पर अपने क़बज़ा में ख़तीर नक़द रक़ूमात और तिलाई जे़वरात रखने के जुर्म का मुर्तक़िब क़रार दी ही। हीर ड्रेसर से ख़ातून अव्वल बनते हुए शाहखर्ची, ऐश-ओ-आराम की ज़िंदगी गुज़ारने वाली उन की दूसरी बीवी लैला तरह बुल्स को भी अदालत ने ऐसी ही सज़ा-ए-सुनाई ही। तल्ख़ मिज़ाज, चर्ब ज़बान लैला तरह बुल्स के रिश्तेदारों पर भी ज़ीन इला बदीन बिन अली के ओहदा का नाजायज़ फ़ायदा उठाते हुए काफ़ी दौलत बटोरने के इल्ज़ामात हैं। बिन अली और उन की बीवी बड़े पैमाने पर अवामी एहतिजाज के लामतनाही सिलसिला के दौरान 14 जनवरी को सऊदी अरब फ़रार होगए थे और तीवनस की उबूरी हुकूमत ने 11 फ़बरोरी को सऊदी अरब से रब्त क़ायम करते हुए इन दोनों की हवालगी का मुतालिबा किया था। ज़ीन इला बदीन के दौर का ख़ास्सा ये था कि इन के तौसीअ शूदा ख़ानदान के अफ़राद-ओ-रिश्तेदार बड़े पैमाने पर क़ौमी सरमाया बटोर रहे थे और इस पर उंगली उठाने वालों को उन के सीकोरीटी फोर्सेस किसी ना किसी इल्ज़ाम के तहत गिरफ़्तार करलिया करते थी। तीवनस मैं ज़ीन इला बदीन बिन अली को इक़तिदार करनेवाली अवामी तहरीक यासमीन की ख़ुशबू सारे अरब इलाक़ा में फैल गई जिस के नतीजा में मिस्र के सदर हसनी मुबारक को इक़तिदार से माज़ूल होना पड़ा जबकि यमन और लीबिया के हुकमरानों को शदीद अवामी नाराज़गी का सामना ही। बहरीन में अगरचे सऊदी अरब की मदद से अवामी नाराज़गी को कुचल दिया गया ही। ज़ीन इला बदीन बिन अली के वुकला ने इन का एक ब्यान जारी किया ही, जिस में मिस्टर ज़ीन इला बदीन ने अदालती फ़ैसला पर कहा हीका वो तमाम इल्ज़ामात की तरदीद करते हैं। उन्हों ने कहा कि वो एक मुनज़्ज़म सयासी साज़िश का शिकार हुए हैं, लेकिन उन के बरख़िलाफ़ तीवनस के अवाम ने जिन में नौजवान लड़के और लड़कीयों की कसीर तादाद भी शामिल ही, अदालती फ़ैसला का ख़ौरमक़दम किया ही। एक 24 साला तालिबा मर्यम ने कहा कि ये एक यादगार लम्हा ही। मर्यम ने जो शाम तक अदालत के बाहर ठहरी फ़ैसला की समाअत की मुंतज़िर थी, कहा कि 23 साल तक उन्हों (साबिक़ सदर) ने अदालतों को कठपुतली के तौर पर इस्तिमाल किया, लेकिन आज की अदालत आज़ाद थी, जिस ने साबिक़ सदर को 35 साल क़ैद की सज़ा-ए-सुनाई ही। ऐसी अदालत लायक़ एहतिराम ही। इस लड़की ने कहा कि इस के एक भाई को किसी क़सूर के बगै़र 9साल तक यूरोप में जिलावतनी की ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर होना पड़ा था। इस से पहले मेरे भाई को नाकर्दा गुनाह की सज़ा-ए-की तौर पर जेल भुगतनी पड़ी थी। जज तो हामी फ़सयान ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि बन अली और उन की बीवी को 91 मुलैय्यन तीवनस दीनार (5.6 मुलैय्यन अमरीकी डालर) का जुर्माना भी अदा करना होगा।