तीवनस के माज़ूल सदर को 35 साल की क़ैद और 65 मुलैय्यन डालर का जुर्माना

सादिक़ के भाई का जाली अनकाॶनटर का शुबा वाजिबी , अदालत का फ़ैसला , तहक़ीक़ात सी बी आई को मुंतक़िल ,सुहराब उद्दीन शेख़ मुक़द्दमा की समाअत की मुंतक़ली मुल्तवी
अहमदाबाद 21 जून (पी टी आई) सिटी क्राईम ब्रांच ने गुजरात और महाराष्ट्रा के पुलिस ओहदेदारों और दीगर अफ़राद के ख़िलाफ़ 2003-ए-के सादिक़ जमाल मिहतर के पुलिस उनकाॶनटर के सिलसिला में एफ़ आई आर दर्ज करदिया। ये शिकायत कल शाम देर गए दर्ज करवाई गई थी जो गुजरात हाईकोर्ट की जानिब से सिटी क्राईम ब्रांच को पुलिस उनकाॶनटर के सिलसिले में जो 8 साल क़बल पेश आया था एफ़ आई आर दर्ज करने की हिदायत दी गई। अपने फ़ैसले में अदालत ने मुक़द्दमा की सी बी आई तहक़ीक़ात का भी हुक्म दिया जिस की बुनियाद सादिक़ जमाल के भाई शब्बीर जमाल मिहतर की दरख़ास्त ही। क्राईम ब्रांच के ओहदेदारों ने आज कहा कि सादिक़ जमाल के उनकाॶनटर के सिलसिले में गुजरात और महाराष्ट्रा के पुलिस ओहदेदारों और दीगर के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज करली गई ही। एफ़ आई आर की एक नक़ल हाईकोर्ट के अहकाम के मुताबिक़ सी बी आई को रवाना की गई ही। सादिक़ क्राईम ब्रांच के ओहदेदारों के साथ एक पुलिस उनकाॶनटर मैं गीलकसी सिनेमा नोईडा के क़रीब अहमदाबाद में 13 जनवरी 2003-ए-को हलाक किया गया था। उनकाॶनटर के बाद क्राईम ब्रांच के ओहदेदारों ने दावा किया था कि उन्हें महिकमा सुराग़ रसानी से इत्तिलाआत मिली हैं कि सादिक़ एक बदनाम मुजरिम था और दाॶद इबराहीम और छोटा शकील जैसे अफ़राद के साथ रहता था। इस ने बी जे पी लीडर ईल के अडवानी, चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी और विश्वा हिन्दू परिषद लीडर प्रवीण तगाड़ीह को क़तल करने की मंसूबा बंदी की थी। ये तीसरा पुलिस उनकाॶनटर है उसे जाली क़रार दिया गया है और इस की सी बी आई तहक़ीक़ात का हुक्म दिया गया ही। दीगर 2 जाली अनकाॶनटरस में 2005-ए-का सुहराब उद्दीन शेख़, उस की बीवी कौसर बी और दोनों के बाएतिमाद साथी तुलसी राम प्रजापति को भी इसी तरह पुलिस उनकाॶनटर में हलाक करदिया गया था। 16 जून को हाईकोर्ट के जज जस्टिस ऐम आर शाह ने सादिक़ अनकाॶनटर की सी बी आई तहक़ीक़ात का हुक्म दिया था जिस में चंद आला सतही पुलिस ओहदेदार बिशमोल मुअत्तल आई पी ऐस ओहदेदार डी जी वंज़ारा मुलव्वस थी। उन्हें सुहराब उद्दीन शेख़ जाली अनकाॶनटर मुक़द्दमा का कलीदी मुल्ज़िम क़रार दिया गया ही। अदालत ने क्राईम ब्रांच को सादिक़ की हलाकत की एफ़ आई आर दर्ज करने की हिदायत देते हुए मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात सी बी आई को मुंतक़िल करने की भी हिदायत दी। अदालत ने सी बी आई को भी हुक्म दिया कि तरजीही बुनियादों पर तहक़ीक़ात 6 माह के अंदर मुकम्मल करदी जाएं। अदालत ने शब्बीर के इन अंदेशों को कि इस के भाई सादिक़ को गुजरात के आली सतही पुलिस ओहदेदारों ने एक जाली अनकाॶनटर में हलाक किया ही, वाजिबी क़रार देते हुए कहा कि दीगर 3 जाली अनकाॶनटर मुक़द्दमात की तहक़ीक़ात पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ की जा रही है इस के पेशे नज़र मौजूदा शकूक को भी जायज़ क़रार दिया जा सकता ही। अदालत ने कहा कि आज़ाद महिकमा जैसे सी बी आई की जानिब से तहक़ीक़ात की ज़रूरत है ताकि तास्सुब के अंदेशों से गुरेज़ किया जाय क्योंकि आला सतही पुलिस ओहदेदार अनकाॶनटर में मुलव्वस हैं। सादिक़ के भाई शब्बीर ने हाईकोर्ट में दरख़ास्त पेश करते हुए दावा किया कि इस के भाई की हलाकत एक बे रहमाना क़तल ही। ये साज़िश वंज़ारा और आई पी ऐस ओहदेदार पी पी पांडे की मुशतर्का साज़िश है जान दिनों 2003-ए-में सिटी क्राईम ब्रांच के सदर थे गुज़श्ता हफ़्ता शब्बीर ने क्राईम ब्रांच में पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ उनकाॶनटर में मुलव्वस होने की एफ़ आई आर दर्ज करने की ख़ाहिश की थी। क्राईम ब्रांच के ओहदेदारों ने उसे तीक़न दिया था कि वो एफ़ आई आर हाईकोर्ट के हुक्मनामा की नक़ल वसूल होने के बाद ही दर्ज करेंगी। दरीं असना सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत ने आज 2005-ए-के सुहराब उद्दीन शेख़ जाली अनकाॶनटर मुक़द्दमा की समाअत दूसरी अदालत को मुंतक़िल करने के बारे में फ़ैसला मुल्तवी करदिया जबकि मर्कज़ी महिकमा सी बी आई ने इस सिलसिले में दरख़ास्त पेश की। ऐडीशनल चीफ़ जोडीशील मजिस्ट्रेट ए वाई डोई ने ये हुक्म उस वक़्त दिया जबकि सी बी आई ने उन के इजलास पर दरख़ास्त पेश की कि जाली अनकाॶनटर मुक़द्दमा की समाअत तहत की अदालत को मुंतक़िल करदी जाई। मुक़द्दमा के मुल्ज़िमीन में गुजरात के मुमलिकती वज़ीर-ए-दाख़िला उम्मत शाह, मुअत्तल आई पी ऐस ओहदेदार डी जे वंज़ारा, राज कुमारा पांडियन, दिनेश ऐम अन्न और अभए चौड़ा समा और दीगर शामिल हैं।