हैदराबाद१३ सितंबर ( एन ऐस ऐस) उस्मानिया और हैदराबाद सैंटर्ल यूनीवर्सिटीज़ के प्रोफेसर्स के एक ग्रुप ने रियास्ती हुकूमत से मुतालिबा किया है कि लक्ष्मी पेट , सुरेका कोलम में पाँच दलितों के क़तल-ए-आम वाक़िया की एक रुकनी जज के ज़रीया तहक़ीक़ातकी हिदायत दी जाय ताकि तमाम ख़ातियों को कैफ़र-ए-किर्दार तक पहुंचाया जा सके ।
यहां मीडीया नुमाइंदों से बात करते हुए उस्मानिया यूनीवर्सिटी के प्रोफ़ैसर के सरीनवा सल्लू ने कहा कि दोनों यूनीवर्सिटीज़ के असातिज़ा की एक टीम /8 और /9 सितंबर को लक्ष्मी पेट का दौरा किया है जहां पाँच दलितों को /12 जून को बेरहमी के साथ हलाक और दीगर कई को ज़ख़मी कर दिया गया है ।
उन्हों ने बताया कि इस क़तल-ए-आम वाक़िया के तीन माह बाद भी यहां दलित तबक़ा ख़ौफ़-ओ-हुर्रा सानी के आलम में ज़िंदगी गुज़ार रहा है और वो मज़ीद हमलों से ख़ौफ़ज़दा हैं । प्रोफ़ैसर अरूण के पटनाइक ने कहा कि क़तल-ए-आम केवाक़िया के सबूत-ओ-शहादत मौजूद हैं ।
डाक्टर के वाई रत्नम ने कहा कि हक़ायक़ का पता लगाने वाली कमेटी ने इस बात पर हैरत का इज़हार किया कि लक्ष्मी पेट का वाक़िया उस वक़्त अंजाम दिया गया है जबकि सी आई ए , एस पी , डी एस पी , ऐम आर ओ , ऐमएलए का ताल्लुक़ दलित तबक़ा से है । प्रोफ़ैसर लकशमा ना रावना ने 250 अकऱ् ज़रई ज़मीन को दलित तबक़ा में तक़सीम करने का मुतालिबा किया ।