हैदराबाद 05 मार्च:(सियासत न्यूज़): पसमांदा तबक़ात की तरक़्क़ी के लिए बरसर-ए-इक्तदार जमातों का संजीदा रवैय्या दरकार है । हुकूमतों का ग़ैर संजीदा रवैय्या पसमांदा तबक़ात के नाम पर ऐलान करदा रक़ूमात के बेजा इस्तिमाल का सबब बनता है ।
एससी एसटी ज़ेली मंसूबा माबाद तरक़्क़ी के उनवान से तलंगाना रेसो रस सैंटर के ज़ेर-ए-एहतिमाम मुनाक़िदा 59वीं मुज़ाकरे से ख़िताब के दौरान मज़कूरा तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले दानशवार और समाजी जहद कारों ने इन ख़्यालात का इज़हार किया ।
मुज़ाकरे से ख़िताब करने वाले मुक़र्ररीन ने एससी एसटी तबक़ात की तरक़्क़ी के नाम पर ऐलान करदा मुराआत-ओ-रक़ूमात को दीगर उमूर के लिए इस्तिमाल करने का इंतिज़ामीया पर इल्ज़ाम आइद करते हुए कहा कि सड़कोंप्ले ग्राउंड्सऔर दीगर तरक़्क़ीयाती उमूर के नाम पर पसमांदा तबक़ात के लिए मुख़तस बजट का इस्तिमाल होता रहा ।
मुक़र्ररीन ने कहा कि एससी एसटी तबक़ात को आबादी और पसमांदगी के तनासुब से तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की ज़िम्मेदारी हुकूमत पर आइद होती है मगर सयासी जमातें बयान बाज़ीयों से हिट कर कोई ऐसा अमली इक़दाम नहीं उठाया जो पसमांदा तबक़ात के लिए फ़ायदेमंद साबित हुआ।
मुज़ाकरे में शरीक दानिशवा रों ने पसमांदा तबक़ात के लिए तहरीकों को काबुल-ए-सताइश क़रार देते हुए हुकूमत की जानिब से एससी एसटी ज़ेली मंसूबा के ऐलान का ख़ैर मुक़द्दम किया और कहा कि शैडूल और कबायली तबक़ात के लिए मुजव्वज़ा ज़ेली मंसूबा समर आवर साबित होगा ।
मुक़र्ररीन ने हुकूमत के मालना ज़ेली मंसूबा को शैडूल और कबायली तबक़ात की तरक़्क़ी का ज़रीया क़रार दिया और कहा कि मज़कूरा तबक़ात के नाम पर जारी करदा बजट का सब प्लान के सबब इस्तिहसाल नामुमकिन होगा।मुज़ाकरे की सदारत साबिक़ा चीफ़ सैक्रेटरी मिस्टर काकी माधव राओने की और जर्नलिस्ट-ओ-सदर नशीन तलंगाना वैद्या वानतोलो वेद यक्का मले पल्ली लकशमीहप्रोफ़ैसर जी कृष्णा रेड्डी डपारडटमनट उफ़ पोलीटिक्ल साईंस के वनए कुमार सदर नशीन दलित बहुजन फ्रंट डाक्टर लमबारडी बोर्ड आफ़ चीर परसन महिकमा अवामी नज़म-ओ-नसक़ डाक्टर वाई बी सत्याना रावना चीरमन सैंटर फ़ार दलित असटाडीज़प्रोफ़ैसर ऐम अनजीनलो डायरैक्टर सैंटर फ़ार दलित असटाडीज़ के इलावा दीगर बे भी मुज़ाकरे से ख़िताब में रियासत के पसमांदा तबक़ात की हालत-ए-ज़ार में तबदीली के लिए हुकूमतों के मूसिर इक़दामात को निहायत ज़रूरी क़रार दिया ।