हैदराबाद२२ नवंबर ( रास्त ) हामिद मुहम्मद ख़ान सदर मूवमैंट फ़ार पीस ऐंड जस्टिस आंधरा प्रदेश ने एक सहाफ़ती बयान में फ़लस्तीन में इसराईली फ़ौज की नहत्ते अवाम पर बमबारी के ज़रीया क़तल-ए-आम को फ़ौरी बंद करवाने की मर्कज़ी हुकूमत से अपील की और कहा कि अपने आप को मुहज़्ज़ब आली तालीम-ए-याफ़ता , इंसानी हुक़ूक़ की पासदारी का दावे करनेवाली इसराईली हुकूमत , मासूम बच्चों के ख़ून से अपने हाथ रंग रही है ।
बच्चों के क़तल-ए-आम को देख कर हर होशमंद इंसान की आँखों से आँसू रवां हैं । एक तरफ़ आलमी ताक़तें इस सानिहा की ख़ामोश तमाशाई ही हुई हैं तो दूसरी तरफ़ बैन-उल-अक़वामी बिरादरी ज़बानी मुज़म्मत कर रही है । उन्हों ने हुकूमत से अपील की कि मासूम बच्चों को बमबारी के ज़रीया क़तल किए जाने पर इसराईल के ख़िलाफ़ क़दम उठाने में मज़ीद ताख़ीर ना करे ।
अपने आप को फ़सलतीनीयों का दोस्त कहने वाली हुकूमत को इस दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के साथ सीहोनी ममलकत के ख़ौफ़नाक हमलों को फ़ौरन बंद करवाने में मुसबत-ओ-मूसिर रोल अदा करके नहत्ते अवाम के क़तल-ए-आम को बंद करवाने में उजलत करनी चाहीए । क्योंकि इस ममलकत(सल्तनत) को इंसानी जानों और इंसानियत की कोई परवाह नहीं ।
जब तक ज़ालिम के हाथों को ज़ुलम करने से रोका नहीं जाएगा ज़ालिम की हिम्मतअफ़्ज़ाई के मुतरादिफ़ होगी और इस बदतरीन मुजरिमाना हमलों की सज़ा इसराईल को मिलनी ही चाहीए । उन्हों ने कहा कि ऐसे मुजरिमाना इक़दामात पिछले कई दहों से इसराईली फ़ौज बार बार करती आरही है ।