फ़ीस रिमेम्ब्रॆन्स‌ की हद 31 हज़ार रुपय की सिफ़ारिश बद बख्ताना

हैदराबाद ०८ अगस्त (सियासत न्यूज़) हैदराबाद की नुमाइंदगी करने वाले दो रियास्ती वुज़राडी नागेंद्र और ऐम मुकेश गौड़ ने वुज़रा की सब कमेटी की जानिब से तलबा की फ़ीस रिमेम्ब्रॆन्स‌ की हद 31 हज़ार रुपय हुकूमत से मुक़र्रर करने की सिफ़ारिश को बद बख्ता ना क़रार दिया और हुकूमत को इस फ़ैसला पर नज़रसानी का मश्वरा दिया, बसूरत-ए-दीगरकांग्रेस और हुकूमत से अवाम की नाराज़गी का इंतिबाह दिया।

गांधी भवन के अहाता में मीडीया से बातचीत करते हुए रियास्ती वज़ीर लेबर डी नागेंद्र ने कहा कि वुज़रा की कमेटी ने फ़ीस रिमेम्ब्रॆन्स‌ के मुआमले में हुकूमत से जो भी सिफ़ारिश की ही, वो काबिल-ए-क़बूल नहीं है और ये बी सी तबक़ा के तलबा के साथ सरासर नाइंसाफ़ी ही। अगर इससिफ़ारिश पर अमल किया गया तो बी सी तबक़ात हुकूमत और कांग्रेस से दूर हो जाएंगी।

उन्हों ने कहा कि तलगो देशम की जानिब से बी सी डिक्लेरेशन का ऐलान करते हुए उन्हें क़रीब करने की हरमुमकिन कोशिश की जा रही ही। हम हुकूमत में रहते हुए बी सीतबक़ात के साथ होने वाली नाइंसाफ़ीयों का तमाशा किस तरह देख सकते हैं। वुज़रा सब कमेटी की जानिब से पेश करदा सिफ़ारिशात के सबब कांग्रेस पार्टी अवामी एतिमाद से महरूम हो जाएगी। उन्हें अज़ला का इंचार्ज नामज़द ना करने के ताल्लुक़ से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस पर कोई एतराज़ नहीं ही, वो चीफ़ मिनिस्टर के फ़ैसला का ख़ौरमक़दम करते हैं।

हो सकता है कि चीफ़ मिनिस्टर सीनीयर वुज़रा की ख़िदमात से इस्तिफ़ादा करना चाहते हूँ। रियास्ती वज़ारत में जगन के जासूसों की मौजूदगी के बारे में जवाब देते हुए मिस्टर डी नागेंद्र ने कहा कि वो जासूसों से वाक़िफ़ नहीं हैं, अगर इस किस्म के लोग हैं तो उन्हें बेदख़ल करना चाआई। उन्हों ने कहा कि राहुल गांधीकुमलक का वज़ीर-ए-आज़म बनाने के लिए कांग्रेस क़ाइदीन को मुत्तहदा जद्द-ओ-जहद करना चाहिए ;

रियास्ती वज़ीर मार्किटिंग ऐम मुकेश गौड़ ने कहा कि राज शेखर रेड्डी की जानिबसे मुतआरिफ़ करदा स्कीमों में कटौती की जाती है तो कांग्रेस को नुक़्सान होगा। वो जब रियास्ती वज़ीर बी सी वेल्फेयर थे तो राज शेखर रेड्डी ने फ़ीस रिमेम्ब्रॆन्स‌ स्कीम मुतआरिफ़ करवाई थी, इस से लाखों ग़रीब तलबा को आली तालीम के हुसूल में सहूलत हुई थी।

उन्हों ने वुज़रा की कमेटी की 31 हज़ार रुपय तक फ़ीस रिमेम्ब्रॆन्स और माबक़ी फ़ीस तलबा को बैंकों से क़र्ज़ की शक्ल में दिलाने की तजवीज़ को तकलीफ़देह बताया, जिस पर उन्हें सख़्त एतराज़ ही। वो इस मसला पर वुज़रा की सब कमेटी के बिशमोल चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी से मुलाक़ात करते हुए वुज़रा कमेटी के फ़ैसला पर नज़रसानी की अपील करेंगी। अगर ये फ़ैसला तबदील नहीं किया गया तो हुकूमत को नुक़्सान होगा।