बड़े जानवरों की ख़रीदी से बाईकॉट का ख़ैर मकदम‌

हैदराबाद।०५नवंबर (रास्त)। आदिल मुहम्मद ख़ान महदवी सदर अंजुमन महदवीह ने कहा कि ईद अज़हा पर फ़िर्क़ा(दल‌) परस्तों ने क़ुर्बानी के जानवरों को पुलिस के तआवुन से ज़बत करवाने और उन्हें गाव शालों में मुंतक़िल करके ख़रीदारों पर केसों का इंदिराज और उन्हें परेशान किया गया और बार बार कई मुस्लिम तंज़ीमों(संस्थाओ) और मुस्लिम ताजिरों की निशानदेही के बाद भी इन शरपसंद अनासिर के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई,

जिस की वजह से मुस्लिम ताजिरों को और उन के पास काम करने वालों को ज़हनी-ओ-मआशी परेशानीयों का सामना करना पड़ा। इस से मुतास्सिर होकर क़ुरैश बिरादरी ने जो अपने इत्तिहाद का मुज़ाहरा करते हुए मुख़्तलिफ़(विभिन्न‌) मुक़ामात(स्थानो) पर जानवरों के जो बाज़ार लगाए जाते हैं, वहां से उन्हों ने जानवरों की जो ख़रीदारी नहीं की, ये एक काबिल-ए-क़दर और काबुल-ए-सिताइश इक़दाम(कार्य निष्पादन‌) है। शरपसंदों की शरारतों का इसी तरह जवाब दिया जाना चाहिए ।