हैदराबाद ।३० नवंबर (सियासत न्यूज़) मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से साल 2013-ए-के अवाइल से शुरू की जाने वाली नक़द मुंतक़ली स्कीम के तहत जब शहरीयों के खातों में फुट जमा होंगे तो उस वक़्त शहरीयों को इस बात का अंदाज़ा होगा कि हुकूमत फ़लाह-ओ-बहबूद के लिए कितने रुपय उन पर ख़र्च कर रही ही।
मर्कज़ी हुकूमत ने मुल्क भर के 51 अज़ला में इस स्कीम को शुरू करने का फ़ैसला किया ही, जिस के तहत मुख़्तलिफ़ सब्सीडी हासिल करने वालों को रास्त तौर पर नक़द रक़म मुंतक़िल की जाएगी। मिसाल के तौर पर एलपी जी सलेंडर पर अगर मर्कज़ी हुकूमत बतौर सब्सीडी 100 रुपय गैस कंपनी को अदा करती है तो अब वो कंपनी को अदा नहीं किए जाऐंगे बल्कि वो सारिफ़ के खाता में जमा किए जाऐंगे और सारिफ़ीन रास्त तौर पर कंपनी को बवक़्त ख़रीदी गैस अदा कर पाऐंगी।
हुकूमत के मंसूबा के तहत साल 2013-ए-के आग़ाज़ से नक़द मुंतक़ली स्कीम का इबतिदाई तौर पर 51 अज़ला में आग़ाज़ होगा और उस की मुकम्मल बुनियाद आधार कार्ड होंगी। आधार कार्ड में मौजूद तफ़सीलात के असास पर और UDAI नंबर की बुनियाद पर बैंक खाते खोले जाएंगी। मर्कज़ी हुकूमत ने इस स्कीम के लिए अभी रहनुमा या ना ख़ुतूत जारी नहीं किए हैं लेकिन इन ख़ुतूत की इजराई के साथ ही हिंदूस्तानी शहरी इस स्कीम से इस्तिफ़ादा हासिल कर पाऐंगी।
हुकूमत ने जो मंसूबा तैय्यार किया है इस मंसूबा के तहत फ़िलहाल इस मुनफ़रद स्कीम में अश्या-ए-तग़ज़िया पर फ़राहम की जाने वाली सब्सीडी को शामिल नहीं किया गया है लेकिन ताहाल 29 फ़लाह-ओ-बहबूद की इसकीमात इस स्कीम में शामिल की गई हैं। इन इसकीमात में हुकूमत ऐसी 92 इसकीमात को शामिल करने का मंसूबा रखती है जिस से शहरी अब तक बिलवासता तौर पर इस्तिफ़ादा हासिल किया करते थे लेकिन इस स्कीम के रोशनास करवाए जाने और उसे क़ाबिल अमल बनाए जाने के बाद ये स्कीम मक़बूल आम होगी और अब तक हासिल होने वाली सब्सीडी के रास्त समरात का अवाम को अंदाज़ा होने लगेगा कि हुकूमत उन पर कितना ख़र्च कररही ही।
मुख़्तलिफ़ गोशों से इस स्कीम को इंतिख़ाबी तैय्यारी क़रार दिया जा रहा है लेकिन इस स्कीम के मुताल्लिक़ कांग्रेस ने अपने नारे कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ में मामूली तबदीली करते हुए अपने इंतिख़ाबी निशान की तशहीर के साथ साथ स्कीम को भी मक़बूल आम बनाने के लिए नारा तैय्यार किया है कि आप का पैसा आप के हाथ। हुकूमत की इस स्कीम को साल 2013-ए-अप्रैल तक मज़ीद 18 रियास्तों में तौसीअ दिए जाने का हंगामी मंसूबा तैय्यार किया जा चुका ही, जिस से इन रियास्तों के अवाम भी इस स्कीम से मुस्तफ़ीद हो सकेगी।
बताया जाता हीका कांग्रेस हुक्मरानी वाली रियास्तों के अज़ला को इस स्कीम के पहले मरहले में शामिल किया गया है और मज़ीद अज़ला की शमूलीयत पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ जारी ही। नक़द मुंतक़ली स्कीम के इस्तिफ़ादा कुनुन्दगान की निशानदेही और उन तक रास्त रुकमी मुंतक़ली के लिए आधार कार्ड नंबर का इस्तिमाल किया जाएगा और जिन इलाक़ों में आधार कार्ड की इजराई का अमल अभी जारी है वो इलाक़ा अभी इस स्कीम से दूर ही रहेंगे चूँकि हुकूमत रास्त अवाम को फ़ायदा पहुंचाने के मंसूबा पर अमल पैरा ही।