हैदराबाद । २०। जुलाई : ( रास्त ) : माहे सियाम को क़ुरआन मजीद से एक ख़ास मुनासबत है इसी वजह से इस माह मुक़द्दस में क़ुरआन-ए-करीम से हमारा रब्त और शग़फ़ बढ़ जाता है लेकिन इस के मुतालिब और मानी को जानने की कमाहक़ा कोशिश नहीं की जाती ।
चुनांचे क़ुरआन हकीम के मज़ामीन से वाक़फ़ीयत हासिल करने के लिए जनाब याक़ूब सरोश मरहूम बानी बिसात ज़िक्र-ओ-फ़िक्र ने मुतालिब क़ुरआन एक नज़र में जैसी मुख़्तसर मुफ़ीद और जामि किताब सलीस शाइस्ता और मुस्तनद और मक़बूल आम तफ़ासीर की रोशनी में मुरत्तिब की है ।
जिस का छटा ऐडीशन ज़रूरी इज़ाफ़ों के साथ शाय हो चुका है । मलिक के मुमताज़ उलमाए किराम मौलाना मुफ़्ती अबदुल्लाह ख़ालिद अलमज़ाहरी ( पटना ) , मौलाना फ़ज़ल अलरहमन हिलाल उसमानी ( पंजाब ) , मौलाना मुहम्मद रिज़वान अलक़ा सिमी ( हैदराबाद ) , मौलाना यूसुफ़ इस्लाही ( राम पर ) और ऐडीटर माहनामा तर्जुमान उल-क़ुरआन लाहौर ने इस किताब के ताल्लुक़ से इज़हार-ए-ख़्याल किया है ।
300 सफ़हात की डेमी साइज़ की ये किताब उम्दा काग़ज़ पर ख़ूबसूरत अंदाज़ में ऑफ़िसट पर शाय हुई है । इस का हदया सिर्फ़ 100 रुपय है । ये हैदराबाद के के हर बड़े बुक स्टाल पर दस्तयाब है । तफ़सीलात के लिए 66622670 । 9849651076 । 9963997909 पर राब्ता करें ।।