हैदराबाद१९ सितंबर : ( सियासत न्यूज़ ) : मुस्लमानों के खोए हुए मुक़ाम-ओ-मर्तबा को वापिस हासिल करना , सियासत का अहम मक़सद है । 60 बरस क़बल मुस्लमानों की जो हालत थी इस मुक़ाम पर मुस्लिम क़ौम को वापिस पहूँचाने के मिशन पर सियासत अमल पैरा है । इन ख़्यालात का इज़हार जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ऐडीटर रोज़नामा सियासत ने किया जो आज यहां सियासत के गोल्डन जुबली हाल में मुनाक़िदा स्कालर शपस तक़सीम प्रोग्राम को मुख़ातब थे ।
अज़्रा मसऊद एजूकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट की जानिब से स्कालर शपस तक़सीम का इनइक़ाद अमल में लाया गया था । इस मौक़ा पर मौलाना सय्यद शाह हैदर अली हुसैनी , अल्लामा एजाज़ फ़र्ख़-ओ-दीगर मौजूद थे । जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने अपने ख़िताब में तलबा को नसीहत की कि वो बुलंद अज़ाइम वाले बनें और हालात का डट कर मुक़ाबला करें । उन्हों ने तलबा को मश्वरा दिया कि वो शाहीन जैसे अज़ाइम और परवाज़ रखें ।
उन्हों ने कहा कि सियासत का ख़ाब है कि हर मुस्लिम तालिब-ए-इल्म को तरक़्क़ी इन बुलंदीयों पर पहूँचाना चाहते हैं जहां जाकर वो क़ौम का असासा बनें । उन्हों ने मुस्लिम तलबा को तलक़ीन की कि वो कभी अपने आप को कमतर तसव्वुर ना करें बल्कि वो ख़ुद अपने आप में क़ौम की सरबुलन्दी का सामान हैं । उन्हों ने कहा कि पुलिस ऐक्शण के बाद मुस्लिम क़ौम हर महाज़ में तबाह-ओ-बर्बाद हुई और हर शोबा में मुस्लिम क़ौम की नुमाइंदगी को अमिना ख़तन करदिया गया ।
लेकिन अब बेहतरीन मौक़ा है कि उन्हें सच्ची मेहनत-ओ-लगन-ओ-जुस्तजू से मुस्लिम क़ौम का वो खोया हुआ मुक़ाम दुबारा हासिल किया जा सकता है और इस के लिए नौजवान नसल को हम आहंग करना वक़्त की अहम ज़रूरत है । जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि आज क़ौम में सब से बड़ी कमज़ोरी आपसी इत्तिहाद-ओ-इत्तिफ़ाक़ की है ।
उन्हों ने सियासत की कोचिंग और कोइसचन बंक के बेहतरीन नताइज का हवाला दिया और मुस्लिम समाज को मश्वरा दिया कि वो डाक्टर और अनजीनर तक के निशाना को महिदूद ना रखें बल्कि आई ए ऐस , आई पी ऐस , आई एफ़ उसकी तरफ़ भी देखें और ये निशाना मुश्किल नहीं है । उन्हों ने मज़ीद कहा कि होनहार तलबा क़ौम का मज़बूत असासा हैं । उन्हों ने अज़्रा मसऊद एजूकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट की काविशों की सताइश की और इस ट्रस्ट से नेक ख़ाहिशात का इज़हार किया । और ट्रस्ट के ज़िम्मेदार शुजाअत अली मसऊद की कोशिशों की सराहना की ।
अल्लामा एजाज़ फ़र्ख़ ने अपने जज़बाती ख़िताब में सियासत की कोशिशों की सताइश की और कहा कि आज के इस दौर में इंसान सिर्फ अपने लिए जी रहा है और वो लोग फ़रिश्तों से भी आला मंसब पर फ़ाइज़ हैं जो दूसरों केलिए जीते हैं और जनाब ज़ाहिद अली ख़ां उन अफ़राद में से हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं । उन्हों ने जनाब ज़ाहिद अली ख़ां को मुदीर से बढ़ कर मुसल्लेह क़रार दिया । उन्हों ने अज़्रा मसऊद एजूकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़िम्मेदारों को मुबारकबाद और कहा कि अगर वो सियासत को मशाल राह बनाकर ख़िदमत-ए-ख़लक़ के मैदान में आगए आएं तो फिर यक़ीनन अपने मक़सद में कामयाब होंगे ।
चैयर मेन ट्रस्ट शुजाअत अली मसऊद ने ट्रस्ट के क़ियाम और मक़ासिद पर रोशनी डाली और कहा कि ट्रस्ट सियासत को मशाल राह मानता है और सियासत के नक्शेकदम पर चलेगा और ट्रस्ट को सियासत से काफ़ी हिम्मतअफ़्ज़ाई हासिल हुई है और ट्रस्ट सियासत के साय में काम करेगा । तक़रीब का आग़ाज़ हाफ़िज़ मुहम्मद साबिर पाशाह कादरी सदर शोबा अरबी महिकमा सानवी तालीमात की क़िरात कलाम पाक से हुआ और इख़तताम सय्यद शाह हैदर अली हुसैनी की दुआ पर हुआ ।
तक़रीब की कार्रवाई जनाब अहमद बशीर उद्दीन फ़ारूक़ी ने चलाई । सदर जलसा के इलावा दीगर मेहमानों ने तलबा में स्कालर शपस तक़सीम की । इस मौक़ा पर मैनिजिंग ट्रस्टी मुहम्मद यूनुस , सय्यद अबदूर्रज़्ज़ाक़ , अहमद मुकेश-ओ-दीगर मौजूद थे ।