मुस्लमानों को सरकारी और ख़ानगी शोबा में तहफ़्फुज़ात की वकालत

हैदराबाद१०जनवरी:(सियासत न्यूज़)।तलंगाना ज्वाइंट ऐक्शन‌ कमेटी ओलड सिटी की प्रैस कान्फ़्रैंस के दौरान कनोनीर मज़कूरा जय ए सी शहबाज़ अली ख़ान अमजद डाक्टर चिरंजीवी पांडव रंगा राओ मुनीर उद्दीन मुजाहिद रहीम उल्लाह ख़ान नियाज़ी इनायत अली बाक़िरी सिंह उल्लाह ख़ान श्रीधर धर्मा सेना ऐम नागार अज्जू ने अक़ल्लीयतों के नाम पर मैरिट होटल में मुनाक़िदा कन्वेनशन को कांग्रेस कनवेनशन क़रार देते हुए कहा कि जस्टिस राजिंदर सिंह सच्चर कमेटी की तफ़सीली रिपोर्ट और रंगनाथ मिश्रा कमीशन के सिफ़ारिशात पर अमल करने के बजाय कांग्रेस पुराने शिकार के हाथों में नई जाल के मुतरादिफ़ अक़ल्लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों के साथ हमदर्दी का नया तमाशा कर रही है ।

उन्हों ने कहा कि कन्वेनशन के इनइक़ाद का मक़सद मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात नए कमीशन या फिर कमेटी के नाम पर बेवक़ूफ़ बनाने की एक कोशिश था। शहबाज़ अली ख़ान ने कहा कि रंगनाथ मिश्रा कमीशन और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर अगर हुकूमत अमल करती है तो किसी नए बिल की मुस्लमानों को ज़रूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस मुस्लमानों के साथ रवैय्या में तबदीली नहीं लाई तो यू पी की तरह पूरे मुल्क में कांग्रेस का सफ़ाया हो जाएगा ।

डाक्टर चिरंजीवी ने कहा कि तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी का बारहा ऐलान समाज में तक़सीम को फ़रोग़ देना है । उन्होंने कहा कि हुकूमत और क़ानूनी इदारों की साज़ बाज़ पसमांदा तबक़ात और अक़ल्लीयतों की तरक़्क़ी के दरमयान रुकावटें पैदा करने का काम कर रही है।उन्होंने कहा कि हुकूमत के तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने के ऐलान को आसानी के साथ अदालत में चैलनज किया जाता है जिस के बाद तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी का मसला तात्तुल का शिकार बिन जाता है ।

डाक्टर चिरंजीवी ने मुस्लमानों को ना सिर्फ़ सरकारी शोबा-ए-हियात बल्कि ख़ानगी शोबों में भी तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की वकालत की।कैप्टन पांडव रंगा रेड्डी ने कहा कि अदालतों में ख़िदमात अंजाम देने वाले तमाम जजस का ताल्लुक़ आली ज़ात से होने के सबब अक़ल्लीयतों और पसमांदा-ओ-पिछड़े तबक़ात को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने के मुताल्लिक़ दायर करदा मुक़द्दमात ज़ेर इलतिवा रहते हैं ।

उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान एक अज़ीम जमहूरी मुलक होने के बावजूद रियासत तमिलनाडु पसमांदगी का शिकार मुख़्तलिफ़ मज़ाहिब के लिए 70 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात तक फ़राहम करने की गुंजाइश मौजूद है मगर आंधरा प्रदेश में मुस्तक़िल तौर पर अक़ल्लीयतों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने में चालीस फ़ीसद से ज़्यादा तहफ़्फुज़ात की हिस्सादारी को बुनियाद बनाकर मुस्लमानों को चार फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने के मसला को पस डाला जा रहा है।

उन्हों ने मुस्लिम अक़ल्लीयत को तहक़ीक़ाती इदारों मुसल्लेह फ़ोर्स क़ानूनदां तबक़े की जानिब से मशकूक (जिसपर शक हो)नज़रों से देखने पर भी शदीद अफ़सोस का इज़हार किया ।