हैदराबाद ११ जुलाई (सियासत न्यूज़) हलक़ा असैंबली चारमीनार का इलाक़ा दूध बाओली मैं तामीरहोने वाली रोड और वहां मौजूद छत्ता दस इंच गहरे मैन होल्स से अवाम को दुशवारीयों के हवाले से सियासत में पिछले हफ़्ते एक रिपोर्ट शाय की गई थी जिसके बाद मुताल्लिक़ा ओहदेदार और गत्ता दार हरकत में आते हुए इन मेन होल्स को ऊंचा करते हुए उसे रोड के बराबर करने का काम शुरू कर दिया है मगर इस काम की रफ़्तार इस क़दर सुस्त रवी का शकार है कि इस से अवाम और राहगीरों को मज़ीद परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है।
चूँकि इन गहरे मैन होल्स को ऊंचा करने मज़ीद चौड़ाई के साथ खुदाई की गई है जिसके मलबे को वहीं पर छोड़ दिया गयाहै । तकलीफ़देह पहलू ये है कि जिस मैन होल्स के ऊंचा करने का काम मुकम्मल हो चुका है वहां से भी मलबा नहीं हटा या गया बल्कि वहीं छोड़ दिया गया है जिस सीराह चलते राहगीरों और सवारीयों को मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है , और ट्रैफ़िक जाम से ज़हनी अज़ीयत का सामना करना पड़ रहा है।
मुक़ामी अफ़राद के मुताबिक़ , गत्तादार की लापरवाही से ये सूरत-ए-हाल पैदा हुई है जो कछुवे की रफ़्तार से काम करवाने का ज़िम्मा दार है । क़ब्लअज़ीं, हदसे ज़ाइद गहरे मैन होल्स की वजहा से ना सिर्फ सड़क हादिसे पेश आरहे थे बल्कि पहले से ही तंग इस सड़क पर ट्रैफ़िक भी जाम हो जाना अब मामूल की बात हो गई थी और ही,जहां यकतरफ़ा तौर पर मौजूद इन गहरे मैन होल्स की वजहा से ये रोड यकरुख़ी रास्ता में तबदील होकर रह गया है ।
मुक़ामी अफ़राद के मुताबिक़, दूध बाओली से लेकर डीसेन्ट आप्टीकल तक नाले को ऊंचा करने का काम मुकम्मल हो चुका है मगर वहां मौजूद मलबे को यूंही छोड़ देने की वजहा से लोगों को होने वाली परेशानियां बदस्तूर मौजूद ही। ज़राए के मुताबिक़, दूध बाओली पी इससे लेकर हनूमान मंदिर तक कम-अज़-कम चालीस ता पच्चास मैन होल्स मौजूद हैं और तक़रीबन तमाम मैन होल्स की एक ही सूरत-ए-हाल है जिसे आप ज़ीरनज़र तस्वीर में देख सकते हैं ।
बताया जाता है कि इन गढ़ों से बचने के चक्क्र में दोनोंातरफ़ की गाड़ियां एक तरफ़ से ही गुज़रना चाहती हैं जिसके नतीजे में हर थोड़ी देर में ट्रैफ़िक जाम हो जाती है। मुक़ामी अफ़राद ने नुमाइंदा सियासत को बताया कि बारिश होजाने की सूरत में ये गड़ है मौत का कुँआं साबित हो जाएगा ।
अगर ग़लती से किसी गाड़ी का पहिया चला गया तो हादिसा यक़ीनी है ।मुक़ामी अवाम ने ओहदेदारों से मुतालिबा किया है कि वो मतक़लक़ा गत्तादार जो कि मुस्लिम तबक़े से ही ताल्लुक़ रखते हैं, इन परज़ोर डाला जाय कि रमज़ान उल-मुबारक की आमद से क़बल हरहाल में इन मेन होल्स को ऊंचा करने का काम मुकम्मल कर लिया जाय ताकि लोगों को कम-अज़-कम रमज़ान उल-मुबारक जैसे मुक़द्दस अय्याम में परेशानियों से नजात हासिल हो सके ।