मुंबई ।13। अप्रैल : उभरती हुई ख़ानगी शोबा की बैंक रत्नाकर बैंक 70 साल क़बल क़ायम की गई थी । आज इस ने अपने दूसरे दौर के हिसस सरमाया के 324 करोड़ होजाने का ऐलान किया ।
जनवरी 2011 से अब तक दो साल में बैंक का जुमला सरमाया 1100 करोड़ रुपय होचुका है । सी ई ओ बैंक विश्वा वीर आहूजा ने कहा कि बैंक की मालीयाती बुनियाद मुस्तहकम हो चुकी है ।
बैंक अब नई मसनूआत , शाख़ों और टैक्नालोजी वग़ैरा पर तवज्जा मर्कूज़ करते हुए सारिफ़ीन की ज़रूरीयात की तकमील करना चाहता है । बैंक अब कई किस्म की मसनूआत और ख़िदमात पेश कर रहा है ।
सारिफ़ीन के लिए क़र्ज़ और डिपाज़िट की ऑनलाइन सहूलत मौजूद है ।।