रियासत(सत्ता) में इंजीनीयरिंग कॉलिजस का बुरा हाल

हैदराबाद ०८ अक्टूबर (एजैंसीज़) रियासत भर में इंजीनीयरिंग कॉलिजस में बड़ी तादाद में नशिस्तें ख़ाली पड़ी हैं। दाख़िला लेने वाला कोई नहीं ही। ऑल इंडिया कौंसल फ़ार टकनीकल एजूकेशन ने कॉलिज इंतिज़ामीया से कहा है कि वो अगर कम दाख़िलों की वजह से कॉलिज बंद करना चाहते हैं तो डसमबर से पहले उस की इत्तिला दें।

एमसीट इंजीनीयरिंग कौंसलिंग के दो मरहले मुकम्मल होने के बाद इंजीनीयरिंग की तक़रीबन एक लाख सैटस ख़ाली हैं। 31 अक्टूबर की मुक़र्ररा तारीख़ के बाद मैनिजमंट कोटा की एक लाख सीटें भी इमकान है कि ख़ाली रहेंगी। रियासत के 717 इंजीनीयरिंग कॉलिजस में 3 लाख चालीस हज़ार नशिस्तें दस्तयाब हैं।

ये मुल्क में सब से बड़ी तादाद ही। इत्तिलाआत के मुताबिक़ इस साल 322 इंजीनीयरिंग कॉलिजस में एक भी दाख़िला नहीं हुआ ही। 229 दूसरे ऐसे कॉलिजस हैं जहां एक सौ से भी कम दाख़िले हुए हैं।

इस तरह मालीयाती तौर पर कॉलिज चलाना दुशवार होगा। कम दाख़िलों के साथ कॉलिजस को जारी रखने से मयार तालीम मुतास्सिर होसकता है क्योंकि मैनिजमंट फैकल्टी और ग़ैर तदरीसी स्टाफ़ को तनख़्वाहें अदा करने से क़ासिर रहेगा और तलबा को मुक़र्ररा क़वाइद के तहत दरकार सहूलतें भी मुहय्या नहीं की जा सकेंगी।