वक़्फ़ बोर्ड की जानिब से रोज़ा दारों के लिए हर रोज़ इफ़तार-ओ-ताम

हैदराबाद ।०५अगस्त : ( नुमाइंदा ख़ुसूसी ) : आंधरा प्रदेश स्टेट वक़्फ़ बोर्ड की जानिबसे रोज़ा दारों के लिए इफ़तार-ओ-ताम का इंतिज़ाम किया जा रहा है । यक्म रमज़ान उल-मुबारक से ही इस नेक काम का आग़ाज़ किया गया है । और हर रोज़ कम अज़ कम 150रोज़ादार इफ़तार करते हुए खाना भी खा रहे हैं । इस ज़िमन में सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड मौलाना ख़ुसरो पाशाह ने बताया कि रोज़ा दारों की सहूलत के लिए शुरू किया गया येइक़दाम बोर्ड के फ़लाही कामों के सिलसिला की एक कड़ी है ।

बोर्ड के इस काबिल-ए-तहसीन इक़दाम से ना सिर्फ हज हाइज़ की मस्जिद में इफ़तार को आने वाले मुक़ामीमुस्लमानों बल्कि हज की कार्रवाई और दीगर कामों से हज हाइज़ पहूंचने वाले इन भाई बहनों को भी फ़ायदा होरहा है जो दूर दराज़ अज़ला से आते हैं । अगरचे 100 अफ़राद के लिए इफ़तार और खाने की सरबराही का कंट्टर एक्ट दिया गया है । लेकिन हर रोज़ 100-150 रोज़ादार इफ़तार कररहे हैं जिन में ख़वातीन रोज़ादार भी शामिल हैं । ख़ुसरो पाशाह के मुताबिक़ वक़्फ़ बोर्ड की केंटिन को चला रहे सय्यद सलीम को इफ़तार के मौक़ा पर पकवान का कंट्टर एक्ट दिया गया है ।

और वो हफ़्ता में चार मर्तबा गोश्त और तीन मर्तबा बना गोश्त का खाना फ़राहम कररहे हैं इस के लिए उन्हें मआ गोश्त खाने के लिए फ़ी आदमी 40 रुपय और बिना गोश्त खाने के लिए फ़ी आदमी 30 रुपय दीए जाते हैं । हफ़्ता में चारमर्तबा मआ गोश्त जो खाना दिया जा रहा है इस में दो दिन मुर्ग़ का सालन और दो दिनमुर्ग़ की बिरयानी की सरबराही शामिल है जब कि तीन दिन रोज़ा दारों की दालचसा बघारा खाना और सूखे सालन से तवाज़ो की जाती है ।

इफ़तार के मौक़ा पर खजूर और दीगर मेवाजात लाने की ज़िम्मेदारी मुहम्मद बशीर उद्दीन को दी गई है । उन्हों ने बताया कि हर रोज़ इफ़तार के लिए 700 रुपय के मसारिफ़ आरहे हैं । सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड ने बताया कि रोज़ा दारों के लिए इफ़तार-ओ-खाना का इंतिज़ाम इन हमदरद इन मिल्लत के ईसाल-ए-सवाब के लिए किया गया है जिन्हों ने अपनी क़ीमती जायदादें वक़्फ़ कर दी थीं । इबतदा-ए-में वक़्फ़ बोर्ड ने सय्यद सलीम को 100 रोज़ा दारों के लिए खाने का बंद-ओ-बस्त करने का कंट्टर एक्ट दिया था लेकिन ये तादाद 150 तक बढ़ गई है और लोग शिकम सैर हो कर खा रहे हैं ।

हम ने देखा कि देहातों से आने वालों , ऐन इफ़तार के वक़्त हज हाउज़ के सामने से गुज़रने वाले रोज़ा दारों और दूसरे कामों से बोर्ड या हज हाइज़ को आए हुए अफ़राद को वक़्फ़ बोर्ड के इस काबिल-ए-सिताइश काम से बहुत फ़ायदा हो रहा है । रमज़ानउल-मुबारक के ज़िमन में वक़्फ़ बोर्ड मुलाज़मीन को एक घंटा क़बल छुट्टी दी जा रही है तक़रीबन स्टाफ़ घरों को चला जाता है । कुछ काम से रुक जाते हैं तो वो भी इफ़तार-ओ-ताम में शामिल होते हैं ।

राक़िम उल-हरूफ़ को अवाम ने बताया कि 30-40 रुपय में इतना बेहतरीन खाना फ़राहम करना बहुत बड़ी बात है । महंगाई के दौर में कम अज़ कम 50 रुपय अदा किए जाने चाहिए थे । दूसरी जानिब सय्यद सलीम ने बताया कि वो ये नेक काम अपने फ़ायदा के लिए नहीं बल्कि अल्लाह और इस के प्यारे रसूल ई की रज़ा के लिए कर रहे हैं ।

आप को बतादें कि बोर्ड इफ़तार के मौक़ा पर रोज़ा दारों का पूरा पूरा ख़्याल रख रहा है उन के लिए फिल्टर के पानी का भी इंतिज़ाम किया गया है । क़ारईन वक़्फ़ बोर्ड की ख़ामीयों नाकामियों और मौक़ूफ़ा जायदादों की तबाही पर उस की ख़ामोशियों की निशानदेही करना सहाफ़त का फ़रीज़ा है और हम वो फ़रीज़ा बख़ूबी अदा कर रहे हैं ।

साथ ही बोर्ड के अच्छे कामों से भी अवाम को वाक़िफ़ करवाना भी है । उम्मीद है कि वक़्फ़ बोर्ड जिस तरहरोज़ा दारों की सहूलत के लिए इफ़तार-ओ-ताम का एहतिमाम करते हुए अच्छा काम कर रहा है । इसी तरह सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड मौलाना ख़ुसरो पाशाह ओक़ाफ़ी जायदादों के लिए कमर किस लेंगे । अगर बोर्ड और सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड ऐसा करते हैं तो मुस्लमानों पर ये एक एहसान होगा ।।