शहर की पुरअमन फ़िज़ा(वातावरण‌) मुकद्दर(अपवित्र‌) करने वालों को इंतिबाह(चेतावनी देना)

हैदराबाद०७।नवंबर:(सियासत न्यूज़)।साबिक़ा रुकन पार्लीमैंट राज्य सभा-ओ-सीनीयर मार किसी क़ाइद पी मधु ने शहर की पुरअमन फ़िज़ा-ए-को मुकद्दर करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त इक़दमात उठाते हुए हैदराबाद की गंगा जमुनी तहज़ीब(सभ्यता) के तहफ़्फ़ुज़ का रियास्ती हुकूमत से मुतालिबा किया।मिस्टर मधु जो एक प्रैस कान्फ़्रैंस से यस वे भवन में ख़िताब कररहे थे कहा कि चंद सयासी जमातों की ज़ाती दिलचस्पी पुराने शहर में पेश आए वाक़ियात(घटनाए) में कारफ़रमा है उन्हों ने कहा कि फ़िकरॊ परस्त तंज़ीम विश्वा हिंदू परिषद वक़फ़ा वक़फ़ा से शहर की पुरअमन फ़िज़ा-ए-को मुकद्दर(अपवित्र‌) करने की कोशिश कररही है और हिंदू नौजवानों में मज़हबी जज़बात भड़काकर इस्लाम और दीगर मज़ाहिब के लोगों के ख़िलाफ़ उन के दिलों में नफ़रत पैदा करने का काम कररही है ।

इस किस्म के तमाम वाक़ियात(घटनाए) में हुकूमत की कोताहियों पर उन्होंने शदीद ब्रहमी का इज़हार करते हुए कहा कि फ़िकऱ्ापरस्त ताक़तें मुफ़ादात हा सिला के लिए शहर की पुरअमन फ़िज़ा-ए-को बिगाड़ने के दरपे हैं और हुकूमत बिलख़सूस पुलिस की मुजरिमाना ख़ामोशी फ़िकरॊ परस्त ताक़तों के नापाक अज़ाइम को तक़वियत (बल/शक्ति/जोर‌)पहुंचाने का काम कर रही है।

उन्होंने फ़िर्क़ा पुरसताना वाक़ियात(घटनाए) के पेश आने के बाद पुलिस की जानिब से की गई गिरफ़्तारीयों पर भी तास्सुफ़(संताप‌) का इज़हार करते हुए कहा कि मुशयरा बाद सब्ज़ी मंडी और चारमीनार इलाक़ों के पसेपर्दा असल गुनहगारों की गिरफ़्तारीयों के बजाय पुलिस बेक़सूर नौजवानों को गिरफ़्तार करते हुए शहर में बदअमनी का माहौल पैदा कररही है उन्होंने कहा कि सी पी आई ऐम की जानिब से गिरफ़्तार बेक़सूर नौजवानों की फ़ौरी रिहाई और शहर में अमन वज़बत की बरक़रारी के लिए सिटी पुलिस कमिशनर से नुमाइंदगी भी की गई है ।

मिस्टर मधु ने चारमीनार के दामन में वाक़्य मुतनाज़ा(विवादित‌) भाग्य लक्ष्मी मंदिर की तौसीअ और तामीर को गै़रक़ानूनी क़रार दिया और कहा कि मंदिर के इंतिज़ामीया को चाहिए कि वो अदालत-ए-आलिया (उच्च न्यायालय‌)के अहकामात की पाबंदी करते हुए मंदिर की मज़ीद तौसीअ-ओ-तामीर से गुरेज़ करें।

उन्हों ने रियास्ती इंतिज़ामीया से भी इस मौक़ा पर मुतालिबा करते हुए कहा कि वो मुतनाज़ा मंदिर के मुताल्लिक़(संबंधित‌) अदालत-ए-आलिया (उच्च न्यायालय‌)के अहकामात पर अमल दरआमद (आयात‌)करते हुए रियासत और शहर में अमन वज़बत के माहौल को बरक़रार रखी।